नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार को पारा 3.8 डिग्री सेलिसियस के निचले स्तर तक पहुंच गया वहीं, अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. साफ आसमान और धुंध ने नए साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली में शीत लहर के साथ देश की राजधानी दिल्ली को घेर लिया है.
मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 2018 सबसे ठंडे वर्षों में से एक रहा है. दिसंबर 2018 के महीने में, दिल्ली का औसत न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2005 और 1996 के बाद पिछले 50 वर्षों के दौरान तीसरा सबसे कम था, जबकि मासिक न्यूनतम तापमान क्रमशः 6.0 और 5.9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा था.
दिल्ली में 26 दिनों से दैनिक न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा है. वहीं, मासिक औसत तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा है. 29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो 2013, 1996 और 1973 के बाद पिछले 50 वर्षों में चौथा सबसे कम था. दिल्ली में अब तक का सबसे न्यूनतम तापमान 27 दिसंबर 1930 को जीरो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
न्यूनतम तापमान के साथ 14 रातें 6 डिग्री सेल्सियस से कम और 8 रातें 4 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर रही हैं. शीत लहर की वजह से ठंड का प्रकोप ज्यादा महसूस हो रहा है. महीने का औसत अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा है जो सामान्य है.
हालांकि, वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ” मंगलवार को दिल्ली में शीत लहर की स्थिति रहेगी, जिसके बाद तापमान में मामूली वृद्धि होगी. सुबह और शाम के घंटों में कोहरे की स्थिति, दिल्ली एनसीआर में घने कोहरे का घना आवरण बना देगी.”
प्रदूषण का स्तर भी कम तापमान के साथ बढ़ गया है क्योंकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक दिल्ली में 419 पर रहा. दिल्ली को फिर से एक वर्चुअल गैस चैंबर बनाने और दिल्लीवासियों के सांस लेने में दिक्कत के लिहाज से यह गंभीर श्रेणी में आ गया है. प्राथमिक प्रदूषक (पीएम) 2.5 बने रहे, जो कि हानिकारक छोटे कण हैं. यह हमारे फेफड़ों से गुजरते हैं और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चिंताओं को बढ़ा देते हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सोमवार के डाटा के मुताबिक शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 418 दर्ज किया गया जबकि केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने सूचकांक 430 दर्ज किया. यह दोनों सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं.
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी के 25 इलाकों में प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ दर्ज किया गया जबकि 9 जगहों पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही. एनसीआर में गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरूग्राम, और नोएडा, गेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रही.
सफर ने नये साल में हवा की गुणवत्ता को लेकर अपने अनुमान में कहा है कि स्थानीय तौर पर खुले में आग जलाने, आतिशबाजी और जीवाश्म ईंधनों को जलाने आदि से हवा और जहरीली होगी और यह गंभीर प्लस श्रेणी में जा सकती है. सफर ने कहा है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है और मौसमी परिस्थिति प्रतिकूल रहने के कारण अगले दो दिनों में गंभीर श्रेणी में ही रहने की आशंका है.