भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की सीरीज का चौथा टेस्ट गुरुवार (3 जनवरी) से सिडनी में खेला जाएगा. भारत मौजूदा सीरीज ( India vs Australia) में 2-1 से आगे है. इस तरह सिडनी टेस्ट (Sydney Test) सीरीज का निर्णायक टेस्ट भी हो गया है. भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए सिडनी में जीत या ड्रॉ चाहिए. जबकि, ऑस्ट्रेलिया को यह सीरीज बचाने के लिए हर हाल में जीत की जरूरत है. यानी, अगले पांच दिन क्रिकेटप्रेमियों की निगाहें सिडनी के इसी मैदान (SCG) पर टिकी रहेंगी.
जब किसी सीरीज में कोई मैच इतना अहम हो जाए, तब उसका हर पहलू पर दिलचस्प हो जाता है. जाहिर है, मैदान और पिच किसी भी मैच का बेहद अहम पहलू है. हम सिडनी क्रिकेट ग्राउंड मैदान (SCG) के रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं, तो पाते हैं कि यहां भारत का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. इस मैदान पर अब तक हमारी जीत हार का अंतर 1:5 का है. यानी, यहां मेजबान टीम का पलड़ा बहुत भारी है. तो क्या भारत के यहां जीतने की संभावना कमजोर है. इसका जवाब हां तो कतई नहीं हो सकता. वजह, यहां ज्यादा मैच हारने के बावजूद ऐसे कई तथ्य हैं, जो भारत की जीत की उम्मीदें जगाते हैं. ऐसे ही चार उम्मीद जगाने वाले तथ्य पढ़िए:
भारत का सबसे बड़ा स्कोर सिडनी में ही
भारत का ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा स्कोर 705/7 (घोषित) है. भारत ने यह स्कोर सिडनी के ही मैदान पर लगाया था. साल 2004 में खेला गया यह मैच ड्रॉ रहा था. भारत इस मैच में जीत के बेहद करीब पहुंच गया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने मैच के आखिरी दिन तीसरे सेशन में संघर्ष करते हुए मैच ड्रॉ करा लिया था.
पहली डबल सेंचुरी भी इसी मैदान पर
भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में पहला दोहरा शतक रवि शास्त्री ने सिडनी में ही बनाया था. यह शेन वार्न का डेब्यू मैच था. रवि शास्त्री ने 1992 में इस मैच में 206 रन की पारी खेली थी. भारत के मौजूदा कोच ने तब सचिन तेंदुलकर (148) के साथ 196 रन की साझेदारी की थी. यह मैच ड्रॉ रहा था.
सचिन ने खेली अपनी सबसे बड़ी पारी
टेस्ट और वनडे में सबसे अधिक रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर की सबसे बड़ी पारी भी इसी मैदान पर खेली गई थी. उन्होंने 2004 में यहां 241 रन की नाबाद पारी खेली थी. उनकी इसी पारी की बदौलत भारत ने अपनी पहली पारी में 7 विकेट पर 705 रन का स्कोर बनाया था. हालांकि, इतना बड़ा स्कोर बनाकर भी भारत मैच नहीं जीत पाया था.
अनिल कुंबले ने झटके हैं 20 विकेट
सिडनी की पिच स्पिनरों को मदद करने के लिए मशहूर रही है. इस मैदान पर सबसे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय अनिल कुंबले हैं. भारतीय लेग स्पिनर ने यहां तीन टेस्ट में 20 विकेट झटके हैं. कुंबले यहां एक पारी में आठ विकेट झटक चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए भी इस मैदान पर सबसे अधिक विकेट लेग स्पिनर शेन वार्न ही हैं. उन्होंने यहां 14 टेस्ट में 64 विकेट लिए हैं.