अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर बोले सेना प्रमुख, तालिबान के साथ होनी चाहिए बातचीत

नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि देश में आतंकवाद अब कई सिर वाले राक्षस की तरह पांव पसार रहा है और जब तक इसे सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा मिलता रहेगा यह मौजूद रहेगा. राजधानी में आयोजित ‘रायसीना डायलॉग’ कार्यक्रम में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘आतंकवाद को देश जब तक सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देते रहेंगे, तब तक यह मौजूद रहेगा.’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद युद्ध का एक नया तरीका बन रहा है. अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर सेना प्रमुख ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए, लेकिन यह बिना किसी शर्त के हो.

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि  सोशल मीडिया कट्टरपंथ के प्रसार का स्रोत बन रहा है, इसलिए इसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है.

रायसीना डायलॉग में 92 से अधिक देशों के वक्ता ले रहे हैं हिस्सा 
ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ और अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई सहित 92 से अधिक देशों के वक्ता मंगलवार से शुरू हुए रायसीना डायलॉग के चौथे संस्करण में भाग ले रहे हैं.

इस डायलॉग में अद्वितीय नेताओं, नवीन भागीदारी और नई प्रौद्योगिकियों से शुरू हुए वैश्विक बदलाव और विश्व व्यवस्था में बदलाव से पैदा हुए मुद्दों का चर्चा के जरिये समाधान करने की कोशिश की जा रही है. डायलॉग का टॉपिक,‘‘ए वर्ल्ड रिऑर्डर : न्यू जियोमेट्रीज; फ्लूइड पार्टनरशिप; अनसर्टेन आउटकम्स’’ है.

ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन के साथ साझेदारी में विदेश मंत्रालय इस संवाद का आयोजन कर रहा है. इसे भारत का प्रमुख वार्षिक भू-राजनीतिक और भू-रणनीतिक सम्मेलन माना जाता है.

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