लखनऊ। तीन जुलाई को कानपुर के बिकरू में हुए एनकाउंटर पर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक मारा गया अपराधी विकास दुबे और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा 22 साल पहले भी आमने-सामने आए थे.
उस समय दोनों ने एक दूसरे पर फायर किया था, जो मिस हो गया था. 2-3 जुलाई की रात को हुई मुठभेड़ के पीछे 22 साल पुरानी उस रंजिश का भी असर था.
उस समय विकास दुबे बिकरु गांव का प्रधान था. उज्जैन पुलिस को दिए अपने कुबूलनामे में विकास ने माना था कि देवेंद्र मिश्रा की उससे नहीं बनती थी. हालांकि उसने कहा था कि देवेंद्र मिश्रा को उसने नहीं, उसके साथियों ने मारा था.
1998 में विकास दुबे ने देवेंद्र मिश्रा पर गोली चलाई थीं. विकास दुबे ने कबूलनामे में देवेंद्र मिश्रा से अनबन की बात मानी थी.