लखनऊ। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की कमाई कथित रूप से भले ही एक करोड़ रुपए महीना रही हो, लेकिन उसने कभी एक पैसा आयकर नहीं दिया। टैक्स देना तो दूर उसने कभी इनकम टैक्स रिटर्न तक फाइल नहीं किया। विकास की काली कमाई की तह तक जाने में लगी जांच एजेंसियों की पड़ताल में ये खुलासा हुआ है। इसके उलट विकास के करीबी जय बाजपेयी का इनकम टैक्स रिटर्न चार साल में दोगुना हो गया, जबकि पत्नी श्वेता बाजपेयी की आय तीन साल में तीन लाख घट गई।
विकास के राज की परतें खोलने में लगीं एजेंसियों ने विकास दुबे, जय बाजपेयी और श्वेता बाजपेयी के इनकम टैक्स रिटर्न को भी जांच के दायरे में लिया है। पड़ताल के दौरान पाया गया कि विकास ने कभी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा और न ही उसे आय से अधिक संपत्ति या संदिग्ध आय से जुड़ा कोई नोटिस भेजा गया।
जय का आईटीआर बढ़ता गया, पत्नी का घटता गया
जय बाजपेयी ने वित्त वर्ष 19-20 में 11.93 लाख रुपए की आय घोषित की। 1.40 लाख रुपए टैक्स दिया। वर्ष 18-19 में 10.54 लाख रुपए का आईटीआर भरा। 1.26 लाख रुपए टैक्स दिया। वर्ष 17-18 में 10.23 लाख रुपए आय दिखाई और 1.07 लाख रुपए टैक्स दिया। वर्ष 16-17 में 6.55 लाख रुपए आय घोषित की और 28 हजार रुपए टैक्स दिया। 15-16 में 5.43 लाख रुपए की आय पर 16 हजार रुपए टैक्स भरा। महज चार साल में जय की आय 5.43 लाख रुपए से 11.93 लाख रुपए हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, जितनी आय उसने एक साल में दिखाई है, इतना तो उसका एक महीने का खर्च है। यहीं जांच का केंद्र बिंदु है। उसकी पत्नी श्वेता बाजपेयी के रिटर्न की पड़ताल की, जिसमें वर्ष 19-20 में आय 7 लाख रुपए घोषित की। वर्ष 18-19 में आय 7.63 थी और वर्ष 17-18 में आय 9.99 लाख रुपए थी।
विकास दुबे की काली कमाई कहां गई?
विकास दुबे की काली कमाई कहां गई, यह एक बड़ा सवाल है। अपनी दहशत के दम पर करोड़ों रुपए की उगाही करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खातों से भी बहुत ज्यादा रकम का खुलासा नहीं हुआ है। विकास को दबंगई और गुंडई के अलावा कोई शौक नहीं था। ऐसे में ईडी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि आखिर हर महीने एक करोड़ की उगाही करने वाले विकास की रकम गई कहां? यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय ने विकास के अलावा उसके खास गुर्गों के खातों और पैसों के लेन-देन को खंगालना शुरू कर दिया है।
विकास दुबे की काली कमाई कहां गई, यह एक बड़ा सवाल है। अपनी दहशत के दम पर करोड़ों रुपए की उगाही करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खातों से भी बहुत ज्यादा रकम का खुलासा नहीं हुआ है। विकास को दबंगई और गुंडई के अलावा कोई शौक नहीं था। ऐसे में ईडी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि आखिर हर महीने एक करोड़ की उगाही करने वाले विकास की रकम गई कहां? यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय ने विकास के अलावा उसके खास गुर्गों के खातों और पैसों के लेन-देन को खंगालना शुरू कर दिया है।