2 जुलाई की देर रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश पर गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया। आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतराने के बाद वह और उसके गुर्गे पुलिस की एके 47, एक इंसास और 5 पिस्टल लूटकर फरार हो गए थे। 3 जुलाई को पुलिस ने एनकाउंटर में प्रेम प्रकाश पाण्डेय और अतुल दुबे को ढेर कर दिया था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि विकास दुबे के घर में बंकर था और उसने वहां दीवारों में असलहा और बारूद चुनवा कर रखे थे। 4 जुलाई को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विकास दुबे का घर जेसीबी चलाकर ढहा दिया। उसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया और 6 जुलाई को पुलिस ने उसके घर में मौजूद बंकर की दीवार से तमंचे, कारतूस, दो किलो विस्फोटक बरामद करने का दावा किया।
सभी ने जांच की लेकिन नहीं मिली एके-47
बड़ा सवाल यह है कि 4 जुलाई के बाद शायद ही जिले का कोई अधिकारी बचा हो जिसने कोठी में पहुंचकर जांच न की हो। प्रेम प्रकाश के में शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा की हत्या हुई थी। इस लिहाज से जो भी अधिकारी वहां पहुंच रहे थे। वह विकास के अलावा प्रेम प्रकाश के घर में भी गए थे लेकिन कोई असलहा बरामद नहीं हो सका।
यह है पुलिस की सफाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विकास के घर के पीछे एक और गोपनीय जगह थी जिसके ऊपर पत्थर रखा था। एके-47 उसी के नीचे दबी हुई थी। वहीं प्रेम प्रकाश के घर पर पीछे की तरफ भूसे का ढेर में इंसास छिपाई गई थी।
सवालों से बचते नजर आए एडीजी कानून व्यवस्था
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मीडिया को सिर्फ गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्होंने विकास और जय बाजपेई के संबंधों पर कहा कि इसकी जांच एसआईटी कर रही है। उसका दायरा बहुत बड़ा है। इस मामले में आगे की कार्रवाई एसआईटी करेगी। उनसे पूछा गया कि गुड्डन को कब आरोपी बनाया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। वह अपने अनुसार कार्रवाई करेगी। पुलिस ने खुशी को गलत जेल भेजा है। इस पर भी उन्होंने माकूल जवाब न देते हुए विवेचक के ऊपर सारी बात डाल दी।
सवाल मांगते हैं जवाब
– विकास के घर का एक हिस्सा ढहाया गया तो पुलिस को कैसे असलहा की जानकारी नहीं हुई
– प्रेम प्रकाश के घर की अच्छे से तलाशी ली गई तो इंसास क्यों नहीं मिली
– दीवारों से असलहे कारतूस बरामद हुए तब पुलिस गुप्त स्थान तक क्यों नहीं पहुंच पाई
– विकास के गिरफ्तार नौकर कल्लू से लंबी पूछताछ हुई लेकिन एके-47 का पता नहीं चला
क्या बोले एडीजी कानून व्यवस्था
यह अब तक की सबसे अच्छी रिकवरी है। पुलिस ने अपना काम किया है। अब लूटे हुए सभी असलहे बरामद किए जा चुके है। इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी शेष रह गई है। बाकी जिनके नाम प्रकाश में आएंगे और उनके खिलाफ सबूत मिलता है तो केस में उन्हें भी शामिल किया जाएगा। – प्रशांत कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था।