भारतीय कानूनी एजेंसियों के डर से भागने वाला इस्लामी कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक अक्सर विवादित और मजहबी टिप्पणियाँ करता रहता है। वह एक बार फिर से गैर-मुस्लिमों, विशेष रूप से हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने और इस्लामी वर्चस्ववाद के चरमपंथी विचारधारा का प्रचार करने के लिए चर्चा में है।
इस महीने की शुरुआत में नाइक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में मुस्लिम धर्मगुरु को मुशरिकों (गैर-समर्थकों) के खिलाफ शेखी बघारते हुए देखा गया। उसका कहना था कि मुस्लिम पुरुष और महिलाएँ उनसे बहुत बेहतर हैं।
दरअसल, एक लड़की कथित तौर पर तीन साल पहले हिन्दू से इस्लाम में परिवर्तित हो गई थी और वह जीवन भर इस्लाम मजहब में ही रहना चाहती थी। जाकिर नाइक इसी लड़की के सवाल का जवाब दे रहा था। लड़की का सवाल था कि उसके समाज में मुस्लिम पुरुष से शादी करना काफी मुश्किल है तो क्या मुस्लिम व्यक्ति से शादी करना अनिवार्य है या फिर ऐसी परिस्थिति में वह हिंदू युवक से भी विवाह कर सकती है?
इस पर नाइक ने इसका जवाब दिया कि लड़की के लिए मुस्लिम पुरुष से शादी करना नितांत आवश्यक था। नाइक ने अपने जवाब को पुख्ता बनाने के लिए कुरान के आयतों का हवाला दिया।
जाकिर नाइक ने कहा, “कुरान (चैप्टर नंबर 2, आयत संख्या 221) के सूरह अल बकराह में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि मुशरिक (एक मूर्तिपूजा वाली महिला) से शादी तब तक नहीं करो, जब तक वह इस्लाम समर्थक न हो। इस्लाम का समर्थन करने वाली महिला, भले ही वह एक दासी हो, वह एक गैर इस्लाम समर्थक महिला की तुलना में काफी बेहतर है। एक इस्लाम का समर्थन करने वाली महिला, भले ही वह नौकर हो, वह बदसूरत हो सकती है, वह एक गैर इस्लाम समर्थ महिला से कहीं बेहतर है, भले ही वह ब्यूटी क्वीन हो या दुनिया की सबसे धनी महिला हो।”
नाइक ने आगे कहा, “एक गैर इस्लाम समर्थक आदमी से शादी मत करो, एक मुशरिक से शादी मत करो, एक मूर्तिपूजक से शादी मत करो, जब तक कि वह इस्लाम को गले नहीं लगाता। इस्लाम का समर्थन करने वाला आदमी, वह एक बंधुआ हो सकता है, वह एक नौकर हो सकता है, वह बदसूरत हो सकता है, लेकिन वह एक मूर्तिपूजक से बेहतर है, एक गैर इस्लाम समर्थक आदमी भले ही वह दुनिया का सबसे सुंदर आदमी हो या फिर दुनिया का सबसे अमीर आदमी हो।”
कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक ने यह भी कहा कि केवल मुसलमान ही जन्नत (स्वर्ग) के लिए योग्य हैं और जो इस्लाम का पालन नहीं करते हैं, वे नरक में जाते हैं।
“यदि आप मानते हैं कि इस्लाम ऐसा मार्ग है जिससे आपको मोक्ष मिलेगा और आपने तीन साल पहले इस्लाम कबूल किया है और आपने वादा किया है कि आप अपने शेष जीवन के लिए इस्लाम पर रहेंगे, तो आप अपने पति को नरक में क्यों भेजना चाहती हैं?” नाइक ने सवाल किया।
नाइक ने कहा, “हमारे पास औसत जीवन प्रत्याशा 50-60 साल है। अगर आप इसमें उथल-पुथल मचाओगे तो यह आपके के लिए 50-60 साल तक दर्द का कारण बना रहेगा। अगला जीवन चिरकालिक है बहन। तो बहन, भले ही यह आपके लिए मुश्किल हो, मेरी सलाह है कि आप उन कठिनाइयों को सहन करें, एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी करें, भले ही वह अच्छा न हो, भले ही वह बदसूरत हो, भले ही वह अमीर न हो। वह सबसे धनी और मूर्तिपूजक पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक श्रेष्ठ होगा।”
‘रवीश कुमार जैसे दूसरे धर्म वाले, चाहे वो कितना भी हमारे पक्ष में बोलें, नरक ही जाएँगे’
भगोड़ा जाकिर नाइक फिलहाल भारत से फरार है और मलेशिया में रह रहा है। उसके वीडियोज देख कर कई युवक आतंक का रुख कर लेते हैं। पिछले दिनों एक नए वीडियो में जाकिर नाइक ने रवीश कुमार जैसे पत्रकारों पर तल्ख टिप्पणी किया था।
बकौल जाकिर नाइक, रवीश कुमार हों या ‘समुदाय विशेष का पक्ष लेने वाले’ अन्य दूसरे धर्मों वाले, उन सभी के लिए समान सज़ा की ही व्यवस्था है। जाकिर नाइक ने अपने अनुयायियों को समझाया कि जन्नाह अलग-अलग तरह के होते हैं, जैसे फिरदौस और फिरदौस आला। नाइक ने कहा कि जब कोई जन्नत में जाता है तो सबके लिए अलग-अलग लेवल की व्यवस्था की गई है, सारे जन्नाह समान नहीं होते।
जाकिर नाइक ने कहा कि मजहब के सभी लोग भले ही उच्च-कोटि वाले जन्नाह में नहीं जाएँगे लेकिन मजहब के सारे सच्चे लोग जन्नाह में ही जाएँगे। दूसरे धर्म वालों के बारे में उसने कहा कि जन्नाह की तरह नरक भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं और दूसरे धर्म वाले दिल के कितने भी अच्छे क्यों न हों, उन्हें जाना नरक में ही है। जाकिर नाइक ने स्पष्ट कहा कि दूसरे धर्म वालों का नरक में जाना तय है। बकौल नाइक, अगर कोई मरते समय इस्लाम का अनुयायी नहीं है तो उसके लिए नरक की ही व्यवस्था है।
‘मैरी क्रिसमस’ कहना हराम, तुम जहन्नुम में जाओगे’
हाल ही में एक वीडियो में कट्टरपंथी जाकिर ने कहा था, “अपने उद्देश्य तक पहुँचने के लिए तुम गलत ज़रिया नहीं चुन सकते हो। जो उनके लिए हराम है वह तुम्हारे लिए भी हराम है। जब तुम किसी को मैरी क्रिसमस कहते हुए इसकी बधाई देते हो तो इसका मतलब है कि तुम स्वीकार कर रहे हो कि वो (जीसस) भगवान की संतान है और ऐसा करना शिर्क (पाप) है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहाँ के लोग मानते हैं कि जीसस क्राइस्ट भगवान की संतान हैं। चाहे वह ईसाई धर्म से जुड़ी प्रक्रियाओं का हिस्सा हों या नहीं, वो लोग इसलिए ख़ुशी मनाते हैं क्योंकि यह जीसस का जन्मदिन है।”