इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी इस समय आधे पेट सोने को मजबूर है। इसका कारण है महंगाई जो हर दिन के साथ गंभीर और कष्टदायी होती जा रही है। कर्ज का बोझ और नकदी की किल्लत, पाकिस्तान एक चुनौती से निपटता तो है दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। गेहूं से लेकर मच्छरदानी तक वह पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है। पिछले साल आई भयानक बाढ़ अपने साथ 20 लाख एकड़ फसल बहा ले गई थी। भुखमरी की कगार पर खड़ा पाकिस्तान रूस से गेंहू खरीद रहा है। लेकिन गेंहू खरीदने के लिए कंगाल पाकिस्तान के पास आखिर पैसे कहां से आ रहे हैं?
रूस-यूक्रेन युद्ध की आलोचना से फेरा मुंह
पाकिस्तान की एक शिपिंग और ब्रोकरेज फर्म, Project Shipping, जनवरी के आखिर में यूक्रेन के लिए कराची बंदरगाह से पोलैंड में ग्दान्स्क बंदरगाह तक गोला-बारूद के 159 कंटेनर भेजने की योजना बना रही है। पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो रूस-यूक्रेन युद्ध की आलोचना करने से बच रहे हैं। फिलहाल उसका सारा फोकस देश की आर्थिक हालत सुधारने पर है। इसके लिए वह सऊदी अरब से लेकर चीन और रूस से लेकर यूक्रेन के आगे हाथ फैलाए खड़ा है।
पाकिस्तान ने बचत के लिए तरह-तरह के उपाय किए हैं। बिजली बचाने के लिए बाजारों को रात 8 बजे बंद करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा करके वह 30 फीसदी बिजली यानी 6200 करोड़ रुपए की बचत करने की योजना बना रहा है। देश में कमर्शियल गैस सिलेंडर 10 हजार रुपए में बिक रहा है। इसलिए लोग सिलेंडर के बजाय प्लास्टिक बैग में गैस भर रहे हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 6.7 अरब डॉलर तक गिर गया है। हालत यह है कि सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं।