ब्रासीलिया। ब्राजील में इस समय हजारों की तादाद में जनता सड़कों पर है। यहां पर लोकतंत्र के समर्थन में रैलियां निकाली जा रही हैं। दरअसल इन रैलियों के जरिए पूर्व राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो और उनके समर्थकों के खिलाफ नारागजी भी जताई जा रही है। रविवार को बोलसोनारों के समर्थक यहां की संसद में दाखिल हो गए थे। इस घटना की पूरी दुनिया में निंदा की गई और देश में भी अजीब सी हलचल है। बोलसोनारों का आरोप है कि राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने धोखाधड़ी करके चुनाव जीता है। अक्टूबर में देश में चुनाव हुए थे और इन चुनावों ने ब्राजील को बांटकर रख दिया।
1500 लोग हुए गिरफ्तार
राजधानी ब्रासीलिया में 1500 लोगों को रविवार को हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। देश के सबसे बड़ी शहर साओ पाओलो में हजारों लोगों ने रैली निकालकर बोलसोनारो को जेल में डालने की मांग की है। लूला डी सिल्वा के शपथ ग्रहण के बाद बोलसोनारों के समर्थक काफी नाराज हो गए थे और फिर वो देश की संसद के अंदर दाखिल हो गए। सोमवार को 77 साल के राष्ट्रपति ने संसद का दौरा किया और क्षतिग्रस्त बिल्डिंग का जायजा लिया।
बोलसोनारो पहुंचे फ्लोरिडा
पूर्व राष्ट्रपति को जेल में डालो
रैली में शामिल बहुत से लोगों ने लाल रंग के कपड़े पहने हुए थे। लाल रंग लूला की वर्कर्स पार्टी का रंग है। कुछ लोगों ने बैनर लिए हुए थे। इन पर लिखा था, ‘तख्तापलट की चाह रखने वालों के लिए कोई मानवता नहीं दिखानी चाहिए।’ इन लोगों ने दंगाईयों के लिए सख्त सजा की मांग की। साथ ही ‘बोलसोनारो को जेल में डालो’ के नारे लगाए। ब्रासीलिया में जब भारी तादाद में जनता सड़कों पर उतरी तो लोग पीले रंग की ब्राजील फुटबॉल शर्ट में थे। इन लोगों ने पुलिस को भी परेशान किया और राजधानी में जमकर उत्पात मचाया। इसके चलते लूला को आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग करना पड़ा।
4000 समर्थकों ने मचाया उत्पात
कहा जा रहा है कि शनिवार और रविवार को करीब 4000 बोलसोनारो समर्थक बसों में लदकर ब्रासीलिया पहुंचे थे। कुछ दंगाई ने संसद की बिल्डिंग में घुस गए और इन्होंने यहां पर तोड़फोड़ की। बाकी दंगाई राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास में पहुंच गए और यहां पर फर्नीचर तोड़ने लगे। कुछ विरोधी सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग में पहुंचे और इन्होंने शीशे का दरवाजा तोड़ दिया। इन्हें काबू में करने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन और स्टन ग्रेनेड्स का प्रयोग करना पड़ गया।