रूस की प्राइवेट मिलिट्री वैगनर समूह के विद्रोही लड़ाके राजधानी मॉस्को की ओर बढ़ ही रहे थे कि उसके नेता येवगेनी प्रिगोझिन ने उन्हें अपने-अपने बेस पर लौटने का आदेश दे दिया। इससे रूस की राजधानी में संभावित रक्तपात का खतरा टल गया। यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस के रक्षा मंत्रालय और प्रिगोझिन के बीच एक महीने से चल रहा विवाद और नवीनतम घटना राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए उनके 22 साल के शासनकाल में सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा था।
आइए जानते हैं कि वैगनर समूह के विद्रोह ने कैसे लिया आकार:
23 जून को प्रिगोझिन ने रूस के सैन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ अपने झगड़े को बढ़ाते हुए एक वीडियो जारी किया और पहली बार, यूक्रेन पर आक्रमण के लिए पुतिन की मंशा पर सवाल उठाते हुए उसके मूल औचित्य को खारिज कर दिया।
टेलीग्राम पर पोस्ट की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग की एक सीरीज में प्रिगोझिन ने कहा कि रूस के सैन्य नेतृत्व की “बुराई” को “रोका जाना चाहिए” और उनकी वैगनर सेना के लड़ाके रूसी सेना के खिलाफ “न्याय मार्च” का नेतृत्व करेगी।
इस ऐलान के बाद, रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने एक आपराधिक मामला खोलकर 62 वर्षीय प्रिगोझिन को राज्य के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आरोपी करार दे दिया। उधर, रूस के यूक्रेन अभियान के डिप्टी कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने वैगनर सेना से सैन्य नेतृत्व के प्रति अपना विरोध छोड़ने और अपने-अपने ठिकानों पर लौटने का आग्रह किया।
24 जून को प्रिगोझिन ने कहा कि उनके लड़ाके यूक्रेन से सीमा पार कर रूस की सीमा में घुस चुके हैं और रूसी सेना के खिलाफ “किसी भी हद तक” जाने के लिए तैयार हैं। टेलीग्राम पर पोस्ट की गई एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में प्रिगोझिन ने कहा, वैगनर सेनानियों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में प्रवेश कर लिया है।
प्रिगोझिन के इस ऐलान के बाद यूक्रेन से सटे दक्षिणी रूस के रोस्तोव क्षेत्र के गवर्नर ने निवासियों से शांत रहने और घर के अंदर रहने की अपील की क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था कि वैगनर बलों ने शहर पर नियंत्रण कर लिया है। प्रिगोझिन ने भी दावा किया कि उनके लड़ाकों ने रोस्तोव-ऑन-डॉन में “बिना एक भी गोली चलाए” सेना मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने ये दावा भी किया कि उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त है।
रोस्तोव पर रात भर कब्ज़ा करने के बाद जब वैगनर के लड़ाके मास्को पर कब्जा करने के इरादे से आधी दूरी तय कर चुके थे, तभी रूसी सैन्य हेलीकॉप्टरों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इससे विद्रोही लड़ाकों के मंसूबे ढीले पड़ गए। इसके बाद, टीएएसएस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की एसवीआर विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख,सर्गेई नारीश्किन ने कहा कि समाज को अस्थिर करने और देश में गृहयुद्ध भड़काने का प्रिगोझिन का प्रयास विफल हो गया है।
इसबीच, व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं से बात की है और उन्होंने यूक्रेन को अपना समर्थन दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने वैगनर के नेतृत्व में सशस्त्र विद्रोह को पुतिन की कमजोरी और यूक्रेन पर उनके आक्रमण का स्पष्ट संकेत बताया।
RIA समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने उन स्थानों पर मार्शल लॉ तोड़ने पर 30 दिनों की हिरासत की अनुमति देने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए, जहां इसे लागू किया गया था। TASS समाचार एजेंसी ने कानूनविद् पावेल क्रशेनिनिकोव के हवाले से कहा कि वैगनर भाड़े के सैनिकों को हथियार छोड़ने पर माफी का वादा किया गया, लेकिन उन्हें यह तेजी से करने को कहा गया।