‘मैंने देशहित की खातिर गेस्ट हाउस कांड को भुला दिया’, पढ़ें मायावती की प्रेस कांफ्रेंस की मुख्य बातें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का ऐलान हो चुका है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस किया. मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की साझा प्रेस कांफ्रेंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाली है. पहले 1993 में कांशीराम और मुलायम सिंह यादव ने गठबंधन करके उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें में बड़ी सफलता मिली थी. मायावती ने स्पष्ट किया कि गेस्ट हाउस कांड से ऊपर उठते हुए हमने यह गठबंधन करने का फैसला लिया है. हमने देशहित में गेस्ट हाउस कांड को भुला दिया है. 25 साल बाद सपा-बसपा का गठबंधन बना है. यह गठबंधन बीजेपी जैसे घोर जातिवादी और सांप्रदायिक पार्टी से लड़ने के लिए बनी है. यह गठबंधन न केवल दो पार्टियों का गठबंधन है बल्कि बहुसंख्यक समाज का गठबंधन है.

मायावती ने बताया कि इस गठबंधन में कांग्रेस को क्यों शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ज्यादातर देश और राज्यों में कांग्रेस की सरकार रही है. कांग्रेस के राज में देश और राज्यों में गरीबी और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा. यही वजह है कि सपा और बसपा जैसी पार्टिंया अस्तित्व में आई. रक्षा सौदों में कांग्रेस और बीजेपी की रणनीति एक जैसी ही रही है. कांग्रेस की सरकार में बोफोर्स और वर्तमान की बीजेपी सरकार में अगस्ता वेस्टलैंड डील में गड़बड़ी हुई है. बोफोर्स के चलते कांग्रेस की सरकार गई, राफेल से बीजेपी की सरकार जाएगी.

मायावती ने बीजेपी की मौजूदा सरकार की तुलना इमरजेंसी से की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में घोषित इमरजेंसी थी जबकि अभी अघोषित. सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके राजनीतिक दलों को परेशान किया जा रहा है. मायावती ने स्पष्ट किया कि हम अपने अनुभवों से समझ पाए हैं कि कांग्रेस जैसी पार्टियों से गठबंधन करने पर इनका वोट हमें ट्रांसफर नहीं होता है. बल्कि उल्टा वोट बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टी को वोट चले जाते हैं. यही वजह है कि हमने कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया है.

मायावती ने साफ तौर से कहा है कि हमने फैसला लिया है कि न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के किसी भी चुनाव में बीएसपी कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव में नहीं उतरेगी, क्योंकि इनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं होता है.

बीएसपी सुप्रीमो ने ईवीएम में गड़बड़ी का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की तो इनकी हार सुनिश्चित है. बीएसपी और एसपी के गठबंधन की भनक लगते ही केंद्र सरकार ने

उत्तर प्रदेश में बीएसपी 38 और एसपी 38 सीटों पर लड़ेगी. बाकी दो सीटें अन्य सहयोगी के लिए छोड़ दी हैं. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के लिए अमेठी और रायबरेली सीट छोड़ी गई हैं. हालांकि यह कोई गठबंधन के चलते नहीं लिया गया है. मायावती ने स्पष्ट तौर से कहा कि बीजेपी ने शिवपाल यादव पर जो पानी की तरह पैसा खर्च किया है, वह पूरी तरह बेकार साबित होने वाला है.

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