मायावती ने खोला राज, कांग्रेस के साथ क्यों नहीं किया गठबंधन

लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सियासी राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीति गरमा चुकी है. बीएसपी और एसपी साथ मिलकर 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जबकि दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई है. कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने को लेकर मायावती ने कहा कि उनकी कार्यशैली बीजेपी की तरह ही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों की सरकार में घोटाले हुए हैं. कांग्रेस को बोफोर्स मामले में सरकार गंवानी पड़ी थी, अब बीजेपी को राफेल डील मामले को लेकर सरकार गंवानी पड़ेगी.

मायावती ने कहा, ”कांग्रेस के समय में घोषित इमरजेंसी थी और अब देश में अघोषित इमरजेंसी है. कांग्रेस के साथ बिना गठबंधन किए अमेठी और रायबरेली की सीटें हमने छोड़ दी हैं. कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से हमे नुकसान होता क्योंकि उनका वोट हमारी पार्टी को नहीं मिलता है.”

अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा, ”बीजेपी-कांग्रेस दोनों की कार्यशैली एक जैसी है. दोनों की सरकार में घोटाले हुए हैं. कांग्रेस को बोफोर्स मामले में सरकार गंवानी पड़ी थी, अब BJP को राफेल घोटालो को लेकर सरकार गंवानी पड़ेगी.”

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी कांग्रेस समेत आगे अब किसी भी ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमें राजनीतिक नुकसान उठाना पड़े. उन्होंने कहा कि एसपी का कांग्रेस के साथ कड़वा अनुभव रहा. समाजवादी पार्टी को गठबंधन करने से कोई फायदा नहीं मिला. बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि सत्ता कांग्रेस की हो या बीजेपी के हाथों में आए बात एक है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की सोच और नीतियां एक ही तरह की है.

इस दौरान बीएसपी अध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जैसे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 1977 में हार का सामना करना पड़ा था वही हाल बीजेपी का होगा. हमारे वोट से कांग्रेस को फायदा तो होता है लेकिन उनके वोट से हमे कोई खास लाभ नहीं हो पाता है. साल 1996 के विधानसभा चुनाव में हमने देखा है कि कांग्रेस का वोट हमें नहीं मिलता है ठीक उसी तरह से विधानसभा चुनाव 2017 में देखने को मिला कि कांग्रेस का वोट एसपी को नहीं मिला.

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