Ramchander Chhatrapati Case: पत्रकार मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद, मरते दम तक रहेगा जेल में

नई दिल्ली। पंचकूला में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में स्पेशल कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई. इससे पहले  डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की सजा को देखते हुए पंचकूला समेत हरियाणा के उन तमाम शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई जहां डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है.

हरियाणा पुलिस ने रोहतक की सुनारिया जेल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि रोहतक में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए लगभग 800 जवानों की तैनाती की गई. पुलिस ने सुनारिया जेल के पास 10 बैरियर भी स्थापित किए हैं, जहां पुलिस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखेगी और वॉकी टॉकी से वरिष्ठ अधिकारी को जानकारी देगी. बाबा के समर्थकों पर नजर रखने के लिए हाईवे के अलावा इलाके में पेट्रोलिंग की जा रही है.

इससे पहले सिरसा में कल पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला. सिरसा में दो महिला पुलिसबल की कंपनी समेत कुल 12 कंपनियां बाहर से मंगवाई गई हैं. यहां सीआरपीएफ की 2 टुकड़ियां को भी अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा पंचकुला, फतेहाबाद में सुरक्षा सख्त है.

गौरतलब है कि 11 जनवरी को अदालत ने इस मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया था. राम रहीम के अलावा 3 और लोगों को आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 बी यानी आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया गया है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यह पूरा मामला 16 साल पुराना है. 2002 में रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रामचंद्र छत्रपति लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे. उनके परिवार ने इस संबंध में केस दर्ज कराया था. उनकी याचिका पर अदलात ने इस केस  की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी. 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था.

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