सड़क पर छोड़ी गायों को जब्त करेगी बिहार सरकार, तीसरी बार पकड़ा तो बेच देगी

पटना।  पालतू गायों को सड़क पर छोड़ना अब मंहगा पड़ेगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी गायों को जब्त करने का निर्देश पटना के डीएम कुमार रवि को दिया है. सीएम ने कहा है कि जो लोग अपनी गायों पर सड़क पर घूमने के लिए छोड़ दे रहे हैं, उन्हें इसका एहसास दिलाया जाए. पहले दो बार में गाय पकड़ने जाने पर फाइन के साथ छोड़ी जाएं और अगर तीसरी बार गाय सड़क पर घूमती मिले, तो उसे जब्त कर बेच दिया जाए.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पशुधन की अहमियत को समझना होगा. गाय से केवल दूध ही नहीं मिलता है. उसके गोबर और गौ-मूत्र से भी बड़ी आमदनी हो सकती है. इसलिए गाय को खुले में नहीं छोड़ना चाहिये. पशुपालन विभाग के कार्यक्रम में शिकरत करने ज्ञान भवन पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पहले हमने सड़क पर घूमनेवाली गायों को गौशाला में रखने का निर्देश दिया था, तब अभियान चला था. तब डीएम संजय कुमार थे, लेकिन बीच में ये अभियान शिथिल पड़ गया. अब फिर से इस अभियान को आगे बढ़ाने की जरूरत है. सीएम ने कहा कि गौशाला में गायों को रखे जाने से सड़क पर घूमती गायों से निजात मिलेगी, साथ ही गोबर और गौ-मूत्र से जैविक खाद- पेस्टीसाइड का निर्माण होगा, जिसे जैविक खेती में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय के दूध से जितनी आमदनी होती है, उससे कम आमदनी जैविक खाद और पेस्टीसाइट से नहीं होगी, क्योंकि इसके इस्तेमाल में किसानों की उत्पादकता बढ़ती है. ये देखने में आया है. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने जब जैविक खेती को बढ़ावा देना शुरू किया था, तो लोगों को ये असंभव सा काम लगता था, लेकिन पिछले साल से हमने जैविक सब्जी के उत्पादन पर इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया है, जिसको आगे और बढ़ाया जायेगा.

कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर पशु विज्ञान केंद्र खोलेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर बिहार में पशु विज्ञान केंद्र खोलने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिन संसाधनों की जरूरत होगी, उसको राज्य सरकार पूरा करेगी, जब ये केंद्र खुल जायेंगे, तो इससे पशुपालन को विशेष रूप से लाभ होगा. स्थानीय नस्ल की गायों को किस तरह से आगे बढ़ाया जाये. कैसे उनका दूध बढ़े, इस पर रिसर्च होगा, जिससे पशुपालकों को फायदा होगा. सीएम ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं और लाभ है. इससे किसानों को परिचित कराये जाने की जरूरत है. साथ ही इससे जीविका समूह की महिलाओं को भी जोड़ा जाना चाहिये, क्योंकि जीविका दीदियों की ओर से जो काम किया जाता है, उसे मेहनत के साथ वो पूरा करती हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *