राम मंदिर पर दांव चलकर कुंभ में घिरी मोदी सरकार, आज 13 अखाड़ों की बैठक

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गर्माता जा रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की. लेकिन इसको लेकर माहौल गर्माता जा रहा है और साधु-संतों में रोष बढ़ता जा रहा है. प्रयागराज में चल रहे कुंभ में 13 अखाड़ा परिषद राम मंदिर मुद्दे पर मंथन करेंगे, संत आज इस मुद्दे पर कोई बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं.

प्रयागराज कुंभ में साधु-संत लगातार कई मुद्दों पर मंथन कर रहे हैं, लेकिन आज कुंभ में मौजूद 13 मुख्य अखाड़े राम मंदिर निर्माण को लेकर बात करेंगे. इस बैठक में राम मंदिर को लेकर प्रस्ताव भी पेश किया जा सकता है. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद भी कुंभ में जारी अपनी महासंसद में राम मंदिर के मुद्दे पर चर्चा करेगा.

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की याचिका

राम मंदिर पर देशभर में जारी चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में मोदी सरकार द्वारा मांग की गई है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मामले में जो जमीन गैर विवादित है, उसे उसके मालिकों को लौटा दिया जाए. यहां मौजूद 70 एकड़ जमीन में से 2.77 एकड़ जमीन का मामला कोर्ट में है, केंद्र सरकार ने अपील की है कि बाकी 67 एकड़ जमीन को उनके मालिकों को सौंपने की बात कही गई है.

केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा निर्मोही अखाड़ा

केंद्र सरकार की इस याचिका से काफी लोग संतुष्ट नहीं है. निर्मोही अखाड़े का कहना है कि केंद्र सरकार उनके दावे को नकार रही है, इसलिए वह केंद्र की याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर कर सकती है.

क्या है पूरा इतिहास?

–    अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले से जुड़ी 0.313 एकड़ जमीन पर विवादित ढांचा था, जिसे कारसेवकों ने ढहा दिया तथा. ये जमीन 2.77 एकड़ एरिया के अंदर आती है.

–    1993 में एक प्रस्ताव लाकर सरकार ने कुल 67.703 एकड़ की जमीन पर कब्जा कर लिया था, जिसमें 2.77 एकड़ का हिस्सा भी शामिल था.

–    गैर विवादित जमीन में 42 एकड़ का हिस्सा रामजन्मभूमि न्यास का है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *