क्रिकेटर सरफराज खान के 14 साल के भाई पर MCA ने लगाया 3 साल का बैन, यह थी वजह

हाल ही में  मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने एक 14 साल के क्रिकेटर पर तीन साल का बैन लगाया है. इसकी वजह यह है कि इस खिलाड़ी ने  पिछले साल दिसंबर में अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी के दौरान अपनी टीम के साथ खिलाड़ी के साथ मारपीट की थी. यह खिलाड़ी कोई और नहीं आईपीएल में रॉयल चैंलेंजर बैंग्लोर के लिए खेल चुके सरफराज खान के भाई मुशीर खान हैं. मुशीर खान फिलहाल अंडर 16 टीम के कप्तान हैं.

मुशीर की मारपीट करने के घटना पर एमसीए ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें 3 साल के लिए बैन कर दिया. मुशीर पर लगा ये बैन साल 2022 में खत्म होगा. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मुशीर के पिता नौशाद खान ने एसोसिएशन से पत्र लिख कर अपील की है कि वो उनके 14 साल के बेटे पर लगे बैन को कम करें. उन्हें लगता है कि यह सजा मुशीर के लिए काफी ज्यादा है जबकि मुशीर लिखित माफी पहले ही मांग चुके हैं.

इस पत्र में नौशाद ने कहा है, ” मुशीर पर से या तो बैन हटा दिया जाए या फिर इसे तीन साल से घटाकर कुछ मैचों के लिए कर दिया जाए. इतने लंबे प्रतिबंध से मुशीर का क्रिकेट करियर प्रभावित हो सकता है, जबकि उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और मुशीर अपनी गलती के लिए लिखित माफी भी दे चुके हैं.”

Mursheed Khan at the Age of 9

मुशीर खान के बड़े भाई सरफराज खान अंडर-19 टीम में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वो आईपीएल में रॉयल चैलेंज बेंगलुरु के लिए भी खेल चुके हैं. इस साल वे 2019 के आईपीएल संस्करण में वे किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलेंगे. इसके अलावा मुशीर के पिता नौशाद खान खुद एक क्रिकेटर हैं और  मुशीर के कोच भी हैं. पिछले साल ही नौशाद अपने बेटे सरफराज के साथ एक ही टूर्मामेंट में अलग अलग टीमों के लिए खेलकर चर्चा में आए थे.

इस मामले को एमसीए ने काफी गंभीरता से लिया है. एमसीए के एक अधिकारियों का कहना है कि मुशीर के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है, लेकिन वे अनुशासनहीनता से समझौता नहीं कर सकते. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एमसीए सचिव ने कहा, हमने यह फैसला मामले की गंभीरता को देखते हुए लिया था.  हमें लड़के के प्रति सहानुभूति है, लेकिन हमें कही तो रेखा खींचनी ही होगी जब मामला अनुशासन का हो. कप्तान होने के नाते उसे उदाहरण पेश करना चाहिए थे.”

मुशीर को अपने पिता के साथ दूसरों का भी साथ मिल रहा है. मुंबई स्कूल स्पोर्टड एसोसिएशन के सचिव रह चुके नदीम मेमन ने भी एमसीए के इस फैसले की आलोचना की है. मेमन का कहना है कि यह केवल माफी का मामला है और कुछ नहीं.  मेमन ने कहा, “लड़का शानदार है. यह व्यक्तिग रंजिश का मामला है. उसे गंभीर चेतावनी देकर भी छोड़ा जा सकता था. वे उसे बिना कारण बताओ नोटिस दिए बैन कैसे कर सकते हैं.

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