मोदी सरकार का अंतरिम बजट: एक नजर में जानें किसको क्या मिला

नई दिल्ली। आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिये लोक लुभावन घोषणायें कीं. प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है.

अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ व राजस्थान में, नुकसान हुआ.

किसानों व मध्यम वर्ग के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा पीयूष गोयल ने की. इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.

सरकार ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है.

किसानों को सालभर में दो- दो हजार रूपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे. इसके लिए अगले वित्त वर्ष में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. गोयल ने कहा, यह योजना इसी वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी और इसके लिए 20,000 करोड़ रूपये को प्रावधान किया गया है.

पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुए पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी.

उन्होंने कहा ‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा यदि आवास रिण लिया गया है तो उसके दो लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी कर छूट उपलब्ध होगी. पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हजार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है.’ बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है.

मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है.

60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है. वित्त मंत्री ने कहा कि वह आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन ‘पांच लाख रुपये तक आय को आयकर से छूट देने का प्रस्ताव किया जाता है.’

वित्त मंत्री ने अचल संपत्ति की बिक्री से मिलने वाले दो करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ को अब दो आवासीय संपत्तियों में निवेश करने पर कर में छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया है. अब तक यह छूट एक सम्पत्ति के लिए मिलती है. अब तक ऐसे पूंजीगत लाभ को एक साल के भीतर एक ही आवास में निवेश करने की सुविधा थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस छूट का लाभ जीवन में एक बार के लिए है.

बैंकों और डाकघर में जमा पर मिलने वाले ब्याज पर अब 10,000 रुपये के बजाय 40,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट उपलब्ध होगी. इसके साथ ही अब किराये से होने वाली 2.40 लाख रुपये तक की आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होगी. पहले यह सीमा 1.80 लाख रुपये तक थी.

गोयल ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के लिये मौजूदा वित्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किये जाने से सरकार राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत के दायरे में नहीं रख पाई और यह 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया. अगले वित्त वर्ष में भी इसके 3.4 प्रतिशत पर रहने का बजट अनुमान रखा है. हालांकि, राजकोषीय अनुशासन कार्ययोजना के तहत इसे 2019- 20 में इसे कम करके 3.1 प्रतिशत और 2020- 21 में 3 प्रतिशत पर लाया जाना था.

उन्होंने कहा,‘हम राजकोषीय घाटे को 2018- 19 में बजट अनुमान के अनुरूप 3.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में और नीचे ला सकते थे लेकिन किसानों को आय समर्थन की जरूरत को देखते हुये हमें इस साल 20,000 रुपये और अगले वित्त वर्ष के लिये 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा. यदि इसे अलग कर दिया जाता है तो इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से भी कम रहता और अगले वित्त वर्ष में 3.1 प्रतिशत से नीचे आ जाता.’

अंतरिम बजट में कर प्रस्तावों को शामिल करने को उचित ठहराते हुये गोयल ने कहा,‘हालांकि, परंपरा के तहत मुख्य कर प्रस्ताव नियमित बजट का हिस्सा ही होते हैं लेकिन छोटे करदाताओं खासतौर से मध्यम वर्ग के लोगों, वेतनभोगी, पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों को अपनी कर देयताओं को लेकर वर्ष की शुरुआत में ही स्थिति स्पष्ट रहने की आवश्यकता होती है. इसलिये इस वर्ग के लोगों से संबंधित कर प्रस्तावों को रोका नहीं जा सकता.’

उन्होंने कहा कि देश में अब तक जो भी बदलाव आये हैं वह देश के लोगों मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर ही संभव हो पाया है. इसका श्रेय केवल उन्हीं को जाता है. हमारी सरकार के रहते आज विकास एक जन आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने आने वाले समय में भारत की वृद्धि और विकास की नींव रखी है.‘हम भारत को हमारे लोगों की मदद से एक अग्रणी देश बनायेंगे. हमने उनके साथ मिलकर इसकी नींव रख दी है. उनके समर्थन से एक भव्य इमारत खड़ी होगी. हमें एक निर्णायक नेतृत्व मिला है, जिसका इरादा स्पष्ट है, नीतियां पारदर्शी और दृढ़ सत्यनिष्टा है.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *