ब्रिटेन सरकार से भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी पर बोला विजय माल्या, ‘आदेश के खिलाफ करूंगा अपील’

लंदन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने खुद को भारत प्रत्यर्पित करने के ब्रिटेन सरकार के आदेश के कुछ ही घंटों बाद सोमवार को कहा कि वह अपील की प्रक्रिया शुरू करेगा. ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है, जिसके बाद माल्या की यह प्रतिक्रिया आई है. माल्या के पास ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की इजाजत हासिल करने के लिए चार फरवरी से 14 दिनों का वक्त है. माल्या ने एक ट्वीट में कहा कि वह अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की प्रक्रिया शुरू करेगा.

Vijay Mallya tweet after order to extradite by britain Government

भगोड़े शराब कारोबारी ने ट्वीट किया, ‘‘…10 दिसंबर 2018 के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के बाद मैंने अपील करने का अपने इरादे का जिक्र किया था. गृह मंत्री के फैसले से पहले मैं अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था. अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू कर सकता हूं.’’

ब्रिटिश गृह कार्यालय ने आज बताया कि धोखाधड़ी की साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों में गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं. इसे माल्या को वापस लाने के भारत के प्रयासों की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसंबर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे. प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं.

ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के वरिष्ठतम मंत्री जावीद के कार्यालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि सारे मामलों पर विचार करने के बाद मंत्री ने रविवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिए. गृह कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी प्रासंगिक मामलों पर विचार करने के बाद तीन फरवरी को मंत्री ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विजय माल्या पर भारत में धोखाधड़ी की साजिश रचने, गलत जानकारी देने और धनशोधन करने के आरोप हैं.

अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से तामील कराए गए प्रत्यर्पण वॉरंट पर माल्या जमानत पर है. यह वॉरंट उस वक्त तामील कराया गया था जब भारतीय अधिकारियों ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्या को 9,000 करोड़ रुपए की रकम की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में आरोपित किया था.

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