मसूद पर चीन के अड़ंगे से भड़के राहुल, कहा- जिनपिंग से डरते हैं PM मोदी, चुप क्यों?

नई दिल्ली। चीन की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो किए जाने के बाद भारत में राजनीति तेज हो गई है. भारत को जहां झटका लगा है तो वहीं देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरते हैं. जब भी चीन भारत के खिलाफ कोई एक्शन लेता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ भी नहीं बोलते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन नीति पर भी तंज कसा और तीन प्वाइंट में समझाया. राहुल ने लिखा कि पीएम गुजरात में शी जिनपिंग के साथ झूला झूलते हैं, दिल्ली में जिनपिंग को गले मिलते हैं, चीन में उनके सामने झुक जाते हैं.

मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश में चीन की ओर से प्रस्ताव गिराए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति ‘कूटनीतिक आपदाओं’ का सिलसिला है.

कांग्रेस ने मोदी सरकार के अलावा संयुक्त राष्ट्र में इस कवायद में रोड़ा अटकाने को लेकर चीन और पाकिस्तान की भी आलोचना की. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में यह एक दुखद दिन है. उन्होंने आज फिर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को चीन-पाक गठजोड़ ने आघात पहुंचाया है.

सुरजेवाला ने आगे अपनी ट्वीट में कहा, ’56 इंच की ‘हगप्लोमेसी’ (गले मिलने की कूटनीति) और झूला-झुलाने के खेल के बाद भी चीन-पाकिस्तान का जोड़ भारत को ‘लाल आंख’ दिखा रहा है. एक बार फिर एक विफल मोदी सरकार की विफल विदेश नीति उजागर हुई.’

जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की राह में चीन एक बार फिर से रोड़ा बना और उसने वीटो लगा दिया जिससे यह प्रस्ताव रद्द हो गया. चीन ने चौथी बार इस प्रस्ताव पर वीटो लगाया है. प्रस्ताव गिरने के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के इस रवैये से बेहद निराशा हुई. आतंकियों के खिलाफ हमारी कोशिशें जारी रहेंगी.

साथ ही भारत ने प्रस्ताव लाने और उसका समर्थन करने वाले देशों को धन्यवाद कहा है. सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के जरिए लाए गए प्रस्ताव में अड़ंगा लगाया था.

संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव गिरने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकी गुटों पर कोई कार्रवाई नहीं करता तब तक उसके साथ किसी तरह की कोई बात नहीं की जाएगी. आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती.

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