कांग्रेस का घोषणापत्र देश के साथ बड़ा धोखा, कांग्रेस सरकार में आई तो देशद्रोह कानून की धारा 124ए और आपराधिक मानहानि का कानून होगा खत्म

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज घोषणापत्र किया. जन आवाज नाम से जारी किये गए घोषणापत्र में आपराधिक मानहानि, देशद्रोह कानून समेत 9 कानून खत्म करने या सुधार करने का वादा किया गया है. कांग्रेस ने घोषणापत्र के 30वें प्वाइंट में कहा है कि पुराने और गैरजरूरी कानूनों को या तो खत्म कर दिया जाएगा या फिर उसमें संशोधन किया जाएगा.

कानूनों को लेकर 9 बड़े वायदे-
1. नागरिकों द्वारा सामान्यतः उल्लंघन किये जाने वाले कानूनों को गैर आपराधिक बना कर दीवानी (सिविल) कानूनों के दायरे में लाना.

02. मानहानि: भारतीय आपराधिक संहिता की धारा 499 को हटाकर मानहानि को सिर्फ दीवानी अपराध बनाएंगे.

03. देशद्रोह: भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (जो की देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) जिसका दुरूपयोग हुआ और बाद में नये कानून बन जाने से उसकी महत्ता भी समाप्त हो गई है उसे खत्म किया जायेगा.

04. मानवाधिकार: उन कानूनों को संशोधित करेंगे जो बिना सुनवाई के व्यक्ति को गिरफ्तार और जेल में डालकर संविधान की आत्मा के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार मानकों का भी उल्लघंन करते है.

05. थर्ड डिग्री: हिरासत और पूछताछ के दौरान थर्ड-डिग्री तरीको का उपयोग करने और अत्याचार, क्रूरता या आम पुलिस ज्यादतियों के मामलों को रोकने के लिए अत्याचार निरोधक कानून बनायेंगे.

06. अफस्पा: सशस्त्र बलों (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 में से यौन हिंसा, गायब कर देना और यातना के मामलों में प्रतिरक्षा जैसे मुद्दों को हटाया जायेगा ताकि सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच संतुलन बना रहे.

07. कोई भी जांच एजेंसी जिसके पास-तलाशी लेने, जब्त करने, पूछताछ करने और गिरफ्तार करने की शक्तियां है, वह सभी भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (सीआरपीसी) और संविधान के अधीन होगें, इसके लिए कांग्रेस कानूनों में आवश्यक संशोधन करेगी.

08. आपराधिक प्रक्रिया संहिता और संबधित कानूनों को इस सिद्धान्त के तहत संशोधित करना है कि जमानत एक नियम है और जेल अपवाद.

09. प्रशासनिक स्तर पर कांग्रेस वादा करती है कि-
i. 3 साल या कम की सजा वाले अपराधों में विचाराधीन कैदीयों और हवालातीयों, जिन्होने 3 महीने या उससे अधिक से जेल में हैं, को तुरन्त रिहा किया जाए.

ii. सभी हवालातियों और विचाराधीन कैदियों, जो 3 से 7 साल के कारावास की सजा भुगतने वाले अपराध में जेल में बन्द हैं, और जिन्होनें 6 महीनों से अधिक जेल में बिताए हो, को तुरन्त रिहा किया जाये.

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