नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के लिए सिर्फ छह दिनों का समय बचा है लेकिन उससे ठीक पहले पीएम मोदी ने एबीपी न्यूज को अपना एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने चुनाव, कांग्रेस, विकास, कश्मीर, पाकिस्तान, रोजगार और अपनी योजनाओं को लेकर बात की है. पीएम मोदी ने पीडीपी के साथ गठबंधन पर भी बात की जहां उनसे ये पूछा गया कि क्या ये गठबंधन एक प्रयोग था या एक गलती? इस पर पीएम मोदी ने क्या जवाब दिया. यहां देखें.
पीएम मोदी से पहला सवाल ये पूछा गया था कि, हम लोग AFSPA की बात कर रहे थे, कश्मीर की बात कर रहे थे, बहुत ईमानदारी से हम आपसे पूछना चाहते हैं प्राइम मिनिस्टर साहब कि क्या आपको लगता है कि पीडीपी के साथ जो गठबंधन का जो प्रयोग किया गया वो गलती हुई बीजेपी से?
हमारे लिए ये एक मिलवाट वाला ही कार्यक्रम था- पीएम मोदी
सवाल के जवाब पर पीएम मोदी ने कहा कि, ”जिस दिन हमने गठबंधन किया, एक तो तब मुफ्ती साहब थे, सीनियर लीडर थे, मैच्योर थे, चीजें समझ पाते थे. दूसरा, हमने उस समय कहा कि हम दो राजनीतिक पार्टियां हैं जो दो ध्रुव के हैं, एक प्रकार से मिलावट वाला ही कार्यक्रम था हमारा. लेकिन कोई सिचुएशन ही नहीं थी कि कोई सरकार बन पाए, अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस उस समय मुफ्ती साहब को सहयोग देकर खड़ी हो जाती तो हम तो विपक्ष में रहने के लिए तैयार थे, हमने इंतजार किया था, तीन महीने तक सरकार बनाई ही नहीं थी. हम ऐसी पोजीशन में नहीं थे कि हम सरकार बनाएं, इसीलिए हमने कभी क्लेम नहीं किया, सबसे ज्यादा सदस्य हमारे चुनकर आए थे. लेकिन हम वो कर नहीं सकते थे, ऐसी स्थिति में कश्मीर के हित में एक मिनिमम एजेंडा लेकर कुछ कर सकते हैं क्या?
ये लोग नहीं चाहते थे कि पंचायतों की ताकत बढ़े- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पूछे गए सवाल पर आगे कहा कि, ”हमने चलाने की कोशिश की और कई अच्छे काम भी किए, लेकिन मुफ्ती साहब चले गए, महबूबा जी के साथ काम करना था, महबूबा जी का एक अलग काम करने का तरीका था. अब मुद्दा एक बड़ा महत्वपूर्ण आया जिसके कारण ब्रेक हुआ, हमारा स्पष्ट मत था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव होने चाहिए, पंचायत के, नगरपालिका के और वहां की जनता को अपना कारोबार चलाने का हक देना चाहिए. दूसरा, जैसा हिन्दुस्तान के हर राज्य में है कि पंचायतों के पास सीधे पैसे जाते हैं, वैसे ही पंचायतों के पास पैसे जाने चाहिए जिससे वो अपना फैसला कर सकें. ये नहीं चाहते थे कि पंचायतों की ताकत बढ़े, मैं चाहता था कि जो भी आए वो जम्मू-कश्मीर सरकार के हाथों में ही आ जाए.”
उन्हें डर था कि चुनाव करवाएंगे तो हत्याएं हो जाएंगी- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ”हमने कहा कि चुनाव करवाने पड़ेंगे . अब उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की, चुनाव कराएंगे तो हत्याएं हो जाएंगी, खून बह जाएगा, पता नहीं क्या कुछ कहा. आखिर में ये फैसला हुआ कि अगर आप चुनाव नहीं कराते हैं तो हम आपसे दूर जाते हैं, हम अलग हो गए, गवर्नर रूल आया, चुनाव हुए आज हजारों की तादाद में पंच-सरपंच वहां कारोबार चला रहे हैं और भारत सरकार से जो फंड जाता है, राज्य सरकार से जो फंड जाता है वो सीधा अब उनके खाते में जाने लगा है. और वो काम कर रहे हैं. 70-75 परसेंट वोटिंग हुई, लेकिन एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई. ये बड़े गौरव की बात है, इसकी ओर देश का ध्यान जाना चाहिए.”
हम वहां की जनता पर बोझ नहीं बनना चाहते थे- पीएम मोदी
सवाल : ‘ इसका मतलब गलती हो गई थी, गठबंधन करके’?
इसपर पीएम मोदी ने ये जवाब दिया कि, ”हमारी कोशिश थी, अच्छा करें, कुछ कमी रह गई हम नहीं कर पाए. नहीं कर पाए तो हम जम्मू-कश्मीर की जनता पर बोझ नहीं बनना चाहते थे, हमने कहा भाई नमस्ते, हमें जाने दीजिए.”
सवाल : ‘क्या आने वाले दिनों में कभी दोबारा गठबंधन की कोशिश हो सकती है? कश्मीर की पार्टियों से, पीडीपी से या नेशनल कॉन्फ्रेंस से, क्योंकि आप दोनों के साथ अति में संबंध बना चुके हैं. गठबंधन कर चुके हैं.
इसके जवाब पर पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ”मैं समझता हूं कि राजनीति में जो और तो के आधार पर, अगर और लेकिन के आधार पर मीडियावार्ता में नेताओं को उलझना नहीं चाहिए.”