नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के देवबंद में महागठबंधन की रैली पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. बताया जा रहा है कि रैली के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती के भाषण की रिपोर्ट तलब की है. मायावती ने मुसलमानों को एकजुट होने की अपील की थी. इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्थानीय जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के लिए हिदायतनामा जारी किया था. इसमें कहा गया था कि कोई भी उम्मीदवार या नेता किसी जाति धर्म या आस्था के नाम या आड़ में वोट या समर्थन नहीं मांगेगा. चुनाव आयोग ने साफ कहा था कि यह आचार संहिता का उल्लंघन होगा और ऐसा करने पर संबंधित नेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहा था मायावती ने देवबंद रैली में
बसपा अध्यक्ष मायावती ने मुस्लिमों से कहा था कि किसी भी सूरत में अपने वोट को बंटने नहीं देना. कांग्रेस इस लायक नहीं है कि वो बीजेपी को टक्कर दे सके, जबकि महागठबंधन के पास मजबूत आधार है. ऐसे में अपने वोटों का बिखराव मत करना और एकजुट होकर गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना.
Uttar Pradesh Chief Electoral Officer has taken cognisance of BSP chief Mayawati’s speech she delivered today in Saharanpur’s Deoband. The Officer has sought a report from the local administration. (file pic) pic.twitter.com/RfPHvo3twp
— ANI UP (@ANINewsUP) April 7, 2019
देवबंद रैली में मायावती ने कहा कि बीजेपी को हराना है तो एकतरफा खासकर मुस्लिम समुदाय से अपील है कि वो एकजुट होकर गठबंधन के पक्ष में वोट करें. अभी मोदी के साथ ही योगी को भी भगाना होगा ताकि बीजेपी की जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति से मुक्ति मिल सके.
सीएम योगी को ‘मोदी की सेना’ कहने पर मिली थी हिदायत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली के दौरान भारतीय सेना को मोदी की सेना कहा था. चुनाव आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए उन्हें दोबारा मोदी की सेना न करने की हिदायत दी थी. आयोग ने कहा था कि किसी भी रूप में सेना, अर्धसैनिक बल से जुड़े प्रतीक, नारों या तस्वीरों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा.