भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) और रिश्तेदारों के यहां आयकर विभाग के छापे पर सियासत शुरू हो गई है. आयकर विभाग ने रविवार तड़के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और अन्य लोगों के भोपाल और इंदौर स्थित आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी जारी है. अब तक छापों में बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की बात सामने आ रही है. छापेमारी में बरामद जेवरों की कीमत का हिसाब लगाया जा चुका है.
रविवार को शुरू हुई यह कार्रवाई सोमवार को भी जारी है. हालांकि फिलहाल किसी की गिरफ्तारी की संभावना नहीं जताई जा रही है. आयकर विभाग की टीम अश्विनी शर्मा के घर नोट गिनने की मशीन भी लेकर पहुंची है.
दिल्ली से आई आयकर विभाग की टीम ने रविवार तड़के भोपाल और इंदौर में एक साथ छापेमारी शुरू की. आयकर विभाग की टीम ने भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा बिल्डिंग की छठी मंजिल (जो कक्कड़ का निजी दफ्तर है) और नादिर कॉलोनी स्थित आवास पर छापा मारा. इसके अलावा इंदौर के योजना 74 के आवास, विजयनगर स्थित कार्यालय, डीसीएम हाइट्स के कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर छापे मारे गए.
Bhopal: I-T raid still underway at the residence of Ashwin Sharma, associate of Praveen Kakkar (OSD to Madhya Pradesh CM). #MadhyaPradesh pic.twitter.com/ZEWDfze2j3
— ANI (@ANI) April 8, 2019
दो बैग लेकर बाहर निकले दो लोग
कक्कड़ राज्य पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं. कक्कड़ को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के भी ओएसडी रहे हैं. सरकारी नौकरी छोड़ चुके कक्कड़ अभी मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी हैं. इसके अलावा आयकर विभाग की टीम ने भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा में ही चौथी मंजिल पर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चलाने वाले अश्विनी शर्मा के यहां भी छापा मारा.
रविवार देर रात अश्विन शर्मा के दफ्तर से दो लोगों को दो बैग लेकर निकलते देखा गया. इस बाबत उनसे सवाल भी पूछा गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आयकर विभाग के कुछ अधिकारी अभी भी आर के मिगलानी के घर के अंदर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच कर रहे हैं. वहीं आयकर विभाग इससे पहले आरके मिगलानी की गाड़ियों से भी कुछ दस्तावेज बरामद कर चुका है.
प्लेटिनम प्लाजा के नीचे कई महंगी गाड़ियां मिली हैं, जो अश्विनी शर्मा की बताई जा रही हैं. इसी बिल्डिंग में रहने वाले प्रतीक जोशी के यहां भी आयकर टीम ने छापा मारा. जोशी का कक्कड़ से करीबी रिश्ता है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अलग अलग छापे में करोड़ों रुपए और इससे जुड़े कागजात बरामद किए गए हैं. छापेमारी की यह कार्रवाई अंत समय तक गुप्त रखी गई थी और मध्य प्रदेश पुलिस भी इस ऑपरेशन में शामिल नहीं थी. सीआरपीएफ के कर्मचारियों और अधिकारियों को छापे के अलग अलग स्थानों पर स्पेशल बसों से रवाना किया गया था.
भोपाल पुलिस ने जारी किया बयान
इस बीच आयकर टीम की कार्रवाई को लेकर भोपाल पुलिस ने बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि 7 अप्रैल को वल्नरेबल हेमलेट जोन अंबेडकर नगर, कर्टसी प्लेटिनम प्लाजा और पंचशील नगर में एरिया डोमिनेशन और कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स के तहत कार्रवाई करते हुए फ्लैग मार्च किया जा रहा था, जिसमें टीटी नगर और हबीबगंज संभाग का पुलिस बल शामिल था. जब फ्लैग मार्च प्लेटिनम प्लाजा के सामने से गुजर रहा था तब यह सूचना मिली कि प्लेटिनम प्लाजा के लोगों और व्यवसायियों को बंद कर दिया गया है. उन्हें आने जाने से भी रोका जा रहा है. प्लेटिनम प्लाजा में रहने वाले किसी व्यक्ति की तबीयत खराब थी और उसे भी आने-जाने में असुविधा हो रही थी.
प्लेटिनम प्लाजा पहुंचने पर यह देखा गया कि वहां पर मीडिया की भीड़ लगी हुई है. आम जनता भी काफी संख्या में मौजूद थी और कुछ सीआरपीएफ का बल भी मौजूद था. वहां एक 108 एंबुलेंस भी खड़ी थी. वहां मौजूद सीआरपीएफ के अधिकारियों से चर्चा की गई कि लोगों को आने जाने से क्यों रोका गया है, तो उन्होंने बताया कि अंदर रेड चल रही है जिसके कारण गेट बंद किया गया है. भोपाल पुलिस की ओर से आगे कहा गया कि आयकर टीम अपना काम करे लेकिन लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए. बाद में भोपाल पुलिस की टीम अपने एरिया डोमिनेशन के लिए कर्टसी क्षेत्र में रवाना हो गई.
उधर छापेमारी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हार सामने नजर आ रही है, इसलिए विपक्ष को डराने की इस तरह की कार्रवाई की जाने लगी है. राज्य में आयकर विभाग के छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से एक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि आयकर छापों की सारी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हुई है. सारी स्थिति स्पष्ट होने पर ही इस पर कुछ कहना उचित होगा लेकिन पूरा देश जानता है कि संवैधानिक संस्थाओं का किस तरह और किन लोगों के खिलाफ और कैसे इस्तेमाल पिछले पांच साल में किया जाता रहा है.