रिटायर्ड DSP ने कमाए आय से 1000 गुना ज्यादा, नहीं गिन सका एंटी करप्शन ब्यूरो

नोएडा/लखनऊ। दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 47 में सफेद संगमरमर से बनी एक आलीशान कोठी में जब एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने छापा मारा तो उस कोठी के अंदर का नजारा देखकर सब हैरान रह गए. बेहतरीन तरीके से डिजाइन की गई उस कोठी में करीने से बाग-बगीचे भी सजाए गए थे. कोठी देखकर किसी राजा महाराजा के महल का आभास हो रहा था. यह कोठी है रिटायर्ड डीएसपी हर्षवर्धन भदौरिया की, जो संपत्ति के मामले में नोएडा का दूसरा यादव सिंह निकला.

रेड में खुलासा हुआ कि संगमरमर की इस आलीशान कोठी के अलावा रसूखदार रिटायर्ड डीएसपी भदौरिया ऐसी कई कोठियां हैं. रिटायर्ड डीएसपी का काला चिट्ठा धीरे धीरे सामने आ रहा है. हर्ष वर्धन भदौरिया का नाम नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बेहद चर्चित है. योगी सरकार के आते ही भदौरिया ने वॉलंटरी रिटायरमेंट की अर्जी दाखिल की और जल्द ही भदौरिया को वीआरएस मिल भी गया.

सवाल ये उठा कि रिटायरमेंट से महज 4 माह पहले भदौरिया ने रिटायरमेंट क्यूं लिया. तो इसका जवाब ये है कि योगी सरकार के आते ही उसकी काली कमाई की पोल खुलने का डर था. नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे और हमेशा विवादों में रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी हर्षवर्धन भदोरिया के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज कराया है.

एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह मुकदमा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दर्ज कराया है. सपा सरकार के बेहद करीबी रहे हर्षवर्धन भदौरिया खिलाफ तैनाती के समय भी काफी शिकायतें आती थीं. लेकिन सियासी रसूख के चलते भदौरिया का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता था.

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जब ब्यूरो को शिकायत मिली तो जांच शुरू की गई. जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि भदौरिया ने अपनी आय से 1178 फीसदी ज्यादा संपत्ति अर्जित की है. एंटी करप्शन ने लगभग 2 साल तक भदौरिया की संपत्तियों की जांच की और उसके बाद नोएडा के सेक्टर 49 थाने में मुकदमा दर्ज करवाया.

एंटी करप्शन ब्यूरो के मुताबिक 2003 से 2017 तक हर्षवर्धन भदौरिया के जरिए अर्जित की गई आय की जांच की गई तो उसमें पाया गया कि भदौरिया ने अपनी सैलरी से करीब 8 लाख रुपये अर्जित किए, वहीं इसी दौरान उसने 10 करोड़ रुपये खर्च किए. जिससे साफ नजर आता है कि हर्षवर्धन भदौरिया ने अपनी आय से करीब 1178% ज्यादा संपत्ति अर्जित की है.

करोड़पति रिटायर्ड डीएसपी हर्षवर्धन भदौरिया की संपत्तियों की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो सही तरीके से नहीं कर पाया. लिहाजा आगे की जांच के लिए नोएडा पुलिस से मदद मांगी गई है.

1981 में हर्षवर्धन भदौरिया बतौर सब इंस्पेक्टर यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था. भदौरिया उत्तर प्रदेश के इटावा जिले का रहने वाला है. अपने सियासी रसूख के दम पर उसने सब-इंस्पेक्टर रहते हुए करोड़ों की कमाई कर ली थी. सूत्र बताते हैं कि भदौरिया की लॉटरी तब लगी, जब उसे सपा सरकार के दौरान नोएडा ऑथोरिटी में तैनाती मिली. हालत तो ये हो गई थी कि ऑथोरिटी में उसकी लगातार तैनाती के लिए बकायदा डीएसपी का एक नया पद भी सृजित किया गया था.

नोएडा ऑथोरिटी में तैनाती के दौरान नोएडा के 47 में करोड़ों की कीमत आलीशान घर, सेक्टर 57 में अपने बेटे के नाम से 2-2 स्कूल भदौरिया ने खड़े कर दिए. नोएडा के सेक्टर 75 में उसका एक स्कूल नियम कानून को ताक पर रखकर बनाया गया.

भदौरिया के राजशाही रहन सहन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने नोएडा के सेक्टर 47 में बने अपने आलीशान घर तक पहुंचने के लिए एक नया रास्ता बनवा लिया था. जिस पर सिर्फ उसे चलने का हक था. उसके घर तक पहुंचने के लिए ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण कराया गया है.

घर के पास ग्रीन बेल्ट पर रास्ता और घर के बाहर गार्डरूम और अपने गुर्गों के लिए निर्माण कराया. भदौरिया ने अपने घर में आने वाले वीवीआईपी लोगों के लिए लॉन एक स्टाइलिस्ट फूस की झोपड़ी भी बनवाई है.

सूत्रों का कहना है कि भदौरिया की संपत्ति इतनी है कि इस मामले की जांच नोएडा पुलिस के बस की बात नहीं. इसके लिए सीबीआई या इन्कम टैक्स विभाग को आगे आना होगा. बहरहाल, अभी जांच नोएडा पुलिस के पास है. FIR दर्ज होने के बावजूद भदौरिया से अब तक कोई पूछताछ नहीं की गई है. सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार का यह मामला नोएडा के गिरफ्तार इंजीनियर यादव सिंह से भी बड़ा निकलेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *