नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election Result 2019) बीजेपी को मिली प्रचंड जीत पर वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों की गिनती ने मुहर लगा दी है. साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 303 के रिकॉर्ड आंकड़े को छू लिया है. वहीं बीजेपी नीत एनडीए ने 354 सीटों पर कब्जा कर विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया है. बीजेपी ने इस बार 2014 में किए गए प्रदर्शन से बढ़कर रिकॉर्ड बनाया है.
मशीन टूटने के कारण हुआ मिसमैच
विपक्षी पार्टियां हमेशा बीजेपी पर ईवीएम में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन इस बार वीवीपैट की गिनती ने ‘मोदी सुनामी’ पर मुहर लगा दी है. पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने गुरुवार रात ट्वीट कर बताया अभी तक करीब 10,300 वीवीपैट की गिनती के बाद 294 का रिजल्ट आ चुका है. इनमें से केवल एक मिसमैच आंध्र प्रदेश में निकला है. यह इस कारण हुआ क्योंकि मशीन टूट गई थी और उसको बदला गया. चुनाव आयोगी की तरफ से इस इश्यू को सॉल्व करने की कोशिश कर रहा है. कुरैशी ने बताया कि यदि कही पर मिसमैच पाया गया तो वहां वीवीपैट की संख्या को माना जाएगा.
कुल 20,600 वीपीपैट की गिनती होनी है
पूर्व चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि एक वीवीपैट में तकनीकी खामी को छोड़कर कहीं भी मिसमैच नहीं मिलना बहुत बड़ी बात है. लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान करीब 20,600 वीपीपैट की गिनती होनी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव आयोग को वीवीपैट पर्चियों की गिनती करने के बाद ही चुनाव परिणाम की घोषणा करने थी. वीवीपैट को चुनाव आयोग की तरफ से साल 2013-14 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था.
ईवीएम की विश्वसनीयता पर विपक्षी पार्टियों की तरफ से सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने वीवीपैट को शत-प्रतिशत मतदान के लिए लागू करने का फैसला किया था. विपक्षी दलों की तरफ से सभी सीटों की 100 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग कर रहे थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि हर विधानसभा के पांच बूथ पर वीवीपैट की गिनती की जाए.
ऐसे काम करती है वीवीपैट मशीन
VVPAT यानी वोटर वेरीफायएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन को मतदान स्थल पर EVM के साथ जोड़ दिया जाता है. मतदाता EVM पर पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के सामने वाले बटन को दबाने के बाद वीवीपैट की स्क्रीन पर 7 सेकेंड तक देख सकता है कि उसने किसे वोट किया है. मतदाता को जो विजुअल दिखाई देता है, उसकी पर्ची बनकर एक सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है. इस पर्ची पर उस प्रत्याशी का नाम, चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम अंकित होता है, जिसे मतदाता ने वोट किया है.