भोपाल। केंद्र में मोदी सरकार बनने और बंगाल में बीजेपी गठबंधन को मिली 18 सीटों के बाद मध्य प्रदेश के सियासी समीकरण भी बदल सकते हैं. बंगाल में बीजेपी को बड़ी सफलता दिलवाने में भूमिका निभाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के गृहनगर इंदौर में ‘टाइगर ऑफ मध्यप्रदेश’ नाम के पोस्टर लग गए हैं. इन पोस्टरों के जरिए ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि कैलाश विजयवर्गीय अब मध्यप्रदेश की राजनीति में फिर वापसी करेंगे.
अभी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आपको एमपी का टाइगर बताते थे और विधानसभा में हार के बाद अपने भाषणों में कहते थे कि ‘टाइगर अभी जिंदा’ है. लेकिन अब कैलाश विजयवर्गीय भी अपने आपको एमपी का टाइगर बता रहे हैं, जिससे सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं.
22 सीटें कांग्रेस जीतेगी
इंदौर में रविवार को मतदान के बाद विजयवर्गीय से संवाददाताओं ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार दावे कर रहे हैं कि राज्य की 29 में से 22 सीटें कांग्रेस जीतेगी. इस बारे में आपका क्या मत है? विजयवर्गीय ने कहा, “लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद वह 22 दिनों तक मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं, अभी तो इस पर प्रश्न चिन्ह है.”
इशारों में साफ कर दिया
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दावा किया कि चुनावी नतीजे आने के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी. अब इसी क्रम में विजयवर्गीय ने सीधे तौर पर सरकार गिरने की बात तो नहीं कही, मगर इशारों में साफ कर दिया है कि इस सरकार का ‘ज्यादा’ भविष्य नहीं है.
सरकार गिरा देंगे
कैलाश ने कहा था, ”बॉस को इशारा हो जाए तो वे मध्यप्रदेश की सरकार गिरा देंगे.” यानी कहीं न कहीं कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की चेतावनी कैलाश विजयवर्गीय देते रहे हैं. वे अब बीजेपी आलाकमान को भी इशारा कर रहे हैं कि एमपी असली टाइगर वही हैं और यदि उन्हें कमान मिले तो वे एमपी भगवा सरकार बनवा सकते हैं.
MP विधानसभा का गणित
विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं, जिसमें कांग्रेस की 114 और भाजपा की 109 सीटें हैं. कांग्रेस को समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया है. इंदौर संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार ‘शंकर लालवानी’ के चुनाव प्रचार के दौरान ‘अकेले पड़’ जाने की बात के सवाल पर विजयवर्गीय ने इसे पत्रकारों के दिमाग की उपज करार दिया.