इंग्लैंड की किस्मत एक बार फिर से उससे रूठती नजर आ रही है. श्रीलंका के हाथों शुक्रवार को मिली सनसनीखेज हार के बाद इंग्लैंड की सेमीफाइनल की राह मुश्किल हो गई है. इस जीत के बाद श्रीलंका छह मैचों में छह अंक लेकर पांचवें स्थान पर है जबकि इंग्लैंड छह मैचों में आठ अंक के साथ तीसरे स्थान पर है. ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या इंग्लैंड के हाथ से विश्वकप फिसल रहा है.
अब इंग्लैंड को अपने बचे हुए मैचों में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से सामना करना है. ये तीनों ही टीमें मजबूत हैं. इनमें से अगर दो मैच इंग्लैंड की टीम हार जाती है तो फिर उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें बिल्कुल धूमिल हो जाएंगी. इन तीनों टीमों के प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो न्यूजीलैंड विश्वकप में अभी तक एक भी मैच नहीं हारा. भारत ने भी एक भी मैच नहीं गंवया. ऑस्ट्रेलिया को जरूर एक मैच में भारत के हाथों हार मिली है.
इंग्लैंड की टीम वनडे रैंकिंग में नंवर वन पर काबिज है. उसे विश्वकप का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन अब भारत की स्थिति मजबूत होती जा रही है. भारत ने सिर्फ 4 मैच खेले हैं और उसे अभी 5 मैच खेलने हैं. ये मुकाबले अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज से होने हैं.
आज तक विश्वकप नहीं जीत पाया इंग्लैंड
इंग्लैंड ने तीन बार विश्वकप का फाइनल खेला है लेकिन एक भी बार वो जीत नहीं पाया है. इंग्लैंड 1979, 1987 1992 में फाइनल में पहुंचा लेकिन जीत नसीब नहीं हुई. 1975, 1983 में सेमीफाइनल तक ही पहुंच पाई. 1996 में श्रीलंका ने ही इंग्लैंड को क्वार्टर फाइनल में हराकर विश्वकप से बाहर का रास्ता दिखाया था. 1999 का विश्वकप तो इंग्लैंड के किसी बुरे स्वप्न से कम नहीं था. टीम विश्वकप के इतिहास में पहली बार नॉकआउट स्टेज में बाहर हो गई. 2003 में टीम नॉकआउट दौर में बाहर हो गई. 2007 विश्वकप में टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई. 2011 में श्रीलंका ने एक बार फिर से 1996 के इतिहास को दोहराते हुए इंग्लैंड को क्वार्टर फाइनल में हराया. 2015 के विश्वकप में इंग्लैंड पहले ही दौर से बाहर हो गया था. इस बार उसकी दावेदारी काफी प्रबल मानी जा रही थी लेकिन अब उसकी राह मुश्किल हो गई है.
एंजेलो मैथ्यूज के अर्धशतक के बाद तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा की शानदार गेंदबाजी के दम पर श्रीलंका ने विश्वकप के कम स्कोर वाले मैच में खिताब की दावेदार मेजबान इंग्लैंड को 20 रन से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखी. इंग्लैंड ने श्रीलंका को नौ विकेट पर 232 रन पर रोक दिया था जिसमें मैथ्यूज ने 115 गेंद में 85 रन बनाए थे. जवाब में 1996 की चैम्पियन श्रीलंकाई टीम ने इंग्लैंड को 47 ओवर में 212 रन पर आउट करके इस विश्वकप में दूसरी जीत दर्ज की. मलिंगा ने 43 रन देकर चार विकेट लिए और इंग्लैंड के शीर्षक्रम को नेस्तनाबूद कर दिया.