श्रीहरिकोटा/नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को अपने अंतरिक्ष केंद्र से ब्रिटेन के पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों नोवाएसएआर और एस1-4 का प्रक्षेपण किया और कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया. नोवाएसएआर का इस्तेमाल वन्य मानचित्रण, भू उपयोग और बर्फ की तह की निगरानी, बाढ़ और आपदा निगरानी के लिए किया जाना है.
ISRO launches PSLV-C42 into orbit carrying two foreign satellites, NovaSAR & S1-4, from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota in #AndhraPradesh. pic.twitter.com/CB1xBbPfXs
— ANI (@ANI) September 16, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि यह प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष कारोबार में भारत के महासामर्थ्य को दर्शाता है.
Congratulations to our space scientists! ISRO successfully launched PSLV C42, putting two UK satellites in orbit, demonstrating India’s prowess in the competitive space business. @isro
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2018
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई. इसरो ने पीएसएलवी सी 42 का सफल प्रक्षेपण किया और ब्रिटेन के दो उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाया. यह प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष कारोबार में भारत के महासामर्थ्य को दर्शाता है.’’
एस 1-4 का उपयोग संसाधनों के सर्वेक्षण, पर्यावरण निगरानी, शहरी प्रबंधन तथा आपदा निगरानी के लिए किया जाएगा. दोनों उपग्रहों को लेकर पीएसएलवी-सी42 अंतरिक्षयान रविवार रात 10:08 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लांचपैड से रवाना हुआ.
पीएसएलवी ने उपग्रहों को प्रक्षेपण के 17 मिनट 45 सैकंड बाद कक्षा में स्थापित कर दिया. इसरो अध्यक्ष के सीवन ने कहा कि मिशन सफल रहा. उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अगले छह महीने में 10 उपग्रह मिशन और आठ लांच व्हीकल मिशन का प्रक्षेपण किया जाएगा. सीवन ने कहा कि इसरो का चंद्र मिशन तीन जनवरी, 2019 को प्रक्षेपित किया जाएगा. करीब छह महीने पहले ही इसरो ने आईएनआरएसएस-1आई नौवहन उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया था.