कर्नाटक: सत्ता बचाने के लिए अमेरिका से लौटे कुमारस्वामी, बागी विधायक बोले इस्तीफा वापस नहीं लेंगे

बेंगलुरु। विधायकों की टूटी हुई बैसाखी पर खड़ी कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार कभी भी गिर सकती है. बिगड़े हुए हालात के बीच सीएम कुमारस्वामी अमेरिका से लौट तो आए हैं, लेकिन सरकार बचा पाएंगे इसकी उम्मीद बहुत कम है. 13 विधायकों के इस्तीफे ने कांग्रेस के साथ साथ जेडीएस के भरोसे की जड़ें हिला दी हैं. जेडीएस नेता जीटी देवगौड़ा ने कहा, ”अगर कांग्रेस-जेडीएस समन्वय समिति सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी.’

सीनियर नेताओं की बैठकें चल रही हैं. कांग्रेस को भरोसा है कि इस्तीफा देने वाले विधायक वापस आ जाएंगे. कांग्रेस को विधायकों की घर वापसी का इंतजार है लेकिन बागी विधायकों का कहना है कि इस्तीफा लौटाने का सवाल ही नहीं है. स उठापटक के बीच कांग्रेस ने सर्कुलर जारी कर सभी विधायकों को नौ जुलाई को हाजिर रहने का निर्देश दिया है. डर तो इस बात का भी है कि कहीं कोई और इस्तीफा ना दे दे.

इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जेडीएस के विधायक इस वक्त मुंबई के एक होटल में डेरा जमाए बैठे हैं. इधर बीजेपी ने भी विधायकों की आज शाम पांच बजे बैठक बुलाई है. राज्यपाल के फैसले का इंतजार हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल 17 जुलाई तो बहुमत परीक्षण के लिए कह कहते हैं. 12 जुलाई से कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है.

विधानसभा पर नजर डाले तो इस वक़्त गठबंधन सरकार के पास 118 विधायक है. कांग्रेस के 79 में से 10 ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं जेडीएस के 37 में से तीन ने इस्तीफा दे दिया है. जिससे कांग्रेस के 69 और जेडीएस के 34 विधायक बचे हैं. वहीं बीएसपी का 1 और निर्दलीय 1. ऐसे में गठबंधन का नंबर 105 हो जाता है. जबकि बीजेपी के पास 105 विधायक है.

कर्नाटक विधानसभा में कुल सीट 224 हैं और मैजिक नंबर 113 है. आज 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही कुल संख्या 211 ही जाती है. यानी मैजिक नंबर 106. ऐसे में गठबंधन के पास 105 और ऐसे हालात में स्पीकर वोट कर सकते हैं.

ऐसे में कांग्रेस की हालत कैट ऑन द वॉल जैसी नजर आ रही है. अगर एक इस्तीफा और सामने आ जाता तो सरकार गिर भी सकती है. उधर विधायक रोशन बैग ने भी इस्तीफा देने का संकेत दिया है. ऐसे में गठबंधन की सरकार खतरे में घिरी है और देखना होगा कि कुमारस्वामी की वापसी के साथ ही क्या वो अपनी कुर्सी और सरकार बचा पाते हैं या नहीं?

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