नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि महज चार साल के अंदर लगभग 50 करोड़ लोग खुले में शौच करना बंद कर चुके हैं. स्वच्छ भारत अभियान के आंकड़ों के आधार पर जेटली ने कहा कि जहां 2014 तक देश में ग्रामीण इलाकों का सैनीटेशन कवरेज महज 39 फीसदी था, मौजूदा समय में यह 93 फीसदी हो गया है.
वित्त मंत्री ने दावा किया कि देश के कई हिस्सों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए टॉयलेट को इज्जत घर की संज्ञा दी जा रही है वहीं केन्द्र सरकार का यह मिशन 2019 तक सफलता का डंका बजाने के लिए तैयार है. जेटली ने कहा कि जहां 2014 तक देश में 60 करोड़ लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर थे वहीं अब महज दूर-दराज के इलाकों में लगभग 10 करोड़ लोगों को इस आदत से बाहर निकालने की जरूरत है.
जेटली ने अपने ब्लॉग में दावा किया कि इस रफ्तार से इस बात की गारंटी है यह मिशन 2019 के अपने लक्ष्य को न सिर्फ पार करने जा रहा है बल्कि वैश्विक स्तर पर धरती को खुले में सौंच की आदत से मुक्त करने में शीर्ष भूमिका में है.
स्वच्छ भारत मिशन को प्रधानमंत्री मोदी की शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजना करार देते हुए जेटली ने कहा कि इस मिशन पर केन्द्र सरकार 20 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च कर चुकी है. परियोजना के तहत सभी धर्म, वर्ग और जाति के 8.5 करोड़ परिवारों को घर में टॉयलेट बनाने के लिए 12,000 करोड़ रुपये दिए गए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से स्वच्छ भारत मिशन को लॉन्च करते हुए अपील की थी कि 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त देश बनाएं. जेटली ने दावा किया कि स्वच्छ भारत मिशन के चलते भारत में तीन लाख से अधिक जिंदगियां बचाई गई है वहीं संयुक्त राष्ट्र संस्था यूनीसेफ ने गणना की है कि स्वच्छ भारत मिशन में निवेश से देश को 400 फीसदी की रिटर्न मिला है.