नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की टीम ने रोहिणी में एक घर से 50 साल की एक महिला को छुड़ाया है, जिसको उसके भाई ने 2 साल से घर में क़ैद कर रखा था. मंगलवार को महिला आयोग को हेल्पलाइन नंबर 181 पर सूचना मिली कि एक महिला घर में क़ैद है. बुजुर्ग महिला के घर में कैद होने की जानकारी मिलते आयोग ने शिकायत हेल्पलाइन काउंसलर को भेजी.
दयनीय हालात में खुली छत में रहती थी महिला
घर में कैद महिला के यहां पर आयोग की टीम पहुंची तो मालिक से गेट खोलने के लिए कहा, जिसके बाद बुजुर्ग की भाभी ने गेट खोलने से इनकार कर दिया. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम पुलिस के साथ पड़ोसी की छत पर होकर उस घर में पहुंची, जहां पर 50 वर्षीय महिला अपनी ही गन्दगी में पड़ी हुई थी. उसकी हालत बहुत खराब थी. वह इस कदर भुखमरी की शिकार थी कि वह एक हड्डियों का ढांचा मात्र रह गई है. उसको खुले में छत पर रखा हुआ था, जहां न तो कोई कमरा था और न ही कोई छत.
मानसिक रूप से ठीक नहीं है महिला- भाई
महिला के दूसरे भाई ने बताया कि उसकी बहन की उम्र 50 साल है और वो मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक नहीं है. वह अपनी मां के साथ उनके घर में रहती थी. उसने बताया कि मां की मृत्यु के बाद वह अपने छोटे भाई के साथ रह रही थी. उसने बताया कि उसका भाई उस महिला का ठीक से ध्यान नहीं रखता था और उसके साथ उसका परिवार अमानवीय व्यवहार करता था.
4 दिन के बाद खाने के लिए एक रोटी
महिला आयोग की टीम से बातचीत के दौरान बुजुर्ग का कहना था कि पिछले 2 साल से उसको 4 दिन में एक ही बार खाने के लिए दिया जाता था. महिला का कहना है कि 4 दिन भूख उसे सिर्फ एक रोटी से मिटानी होती थी. महिला आयोग की शिकायत पर फिलहाल पुलिस ने रोहिणी सेक्टर 7 थाने में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. वहीं, आयोग की टीम ने महिला को रोहिणी के अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
स्वाति मालीवाल ने दिल्ली की जनता से की अपील
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘जिस तरह से इस महिला को अमानवीय तरीके से रखा, उसको देख कर मुझे बहुत धक्का लगा. अभी वह केवल 50 साल की है, जबकि देखने में उसकी उम्र 90 वर्ष से ज्यादा लग रही है. वह इतनी ज्यादा लाचार थी कि वह खुद का ख्याल रखने में भी असमर्थ थी. इतने दिनों तक वह खुली छत पर अपनी गन्दगी में ही पड़ी रहती थी. महिला के भाई और उसकी पत्नी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाना चाहिए. मुझे दुख है कि इतने दिनों तक किसी भी पड़ोसी ने इसकी सूचना पुलिस या आयोग को नहीं दी, मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि अगर उनके आसपास ऐसी कोई घटना सामने आती है तो तुरंत इसकी सूचना दें ताकि ऐसी और लड़कियों और महिलाओं को बचाया जा सके.’