कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने खर्च किया 1 रुपया, करोड़ों खर्च कर भी हारा पाकिस्तान

नई दिल्ली। देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव का केस अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ने के लिए बतौर फीस महज एक रुपया लिया. वहीं, पाकिस्तान ने जाधव को जासूस साबित करने के लिए अपने वकील पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 15 मई 2017 को एक ट्वीट में यह जानकारी दी थी कि हरीश साल्वे ने जाधव का केस लड़ने के लिए एक रुपये लिया है.

वहीं, पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल देश की संसद नेशनल असेंबली में बजट दस्तावेज पेश किया जिसमें कहा गया कि द हेग में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में जाधव का केस लड़ने वाले वकील खावर कुरैशी को 20 करोड़ रुपये दिए गए हैं. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक कुरैशी आईसीजे में केस लड़ने वाले सबसे कम उम्र के वकील भी हैं.

खस्ता आर्थिक हालात का सामना कर रहे पाकिस्तान के जाधव केस पर इतनी बड़ी राशि खर्च करने पर सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा. वर्ष 2016 के पाकिस्तान के बजट में अग्नि सुरक्षा के लिए 18.3 करोड़, जेल प्रशासन के लिए 3.8 करोड़ और सार्वजनिक सुरक्षा, शोध एवं विकास के लिए 3.1 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरीश साल्वे की एक दिन की फीस करीब 30 लाख रुपये है, लेकिन जाधव का केस उन्होंने महज एक रुपये में लड़ा. वह 1999 से 2002 तक देश के सॉलिसिटर जनरल रहे. उनके पिता एनकेपी साल्वे पूर्व कांग्रेस सांसद और क्रिकेट प्रशासक थे. अप्रैल 2012 में उनका निधन हो गया था.

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