J&K: ‘प्रदर्शन और फायरिंग की खबरें झूठी, 6 दिनों में नहीं चली 1 भी गोली’

श्रीनगर। बकरीद से पहले जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने की ओर अग्रसर हैं। प्रशासन ने एक बार फिर राज्य में विरोध-प्रदर्शनों और फायरिंग की घटनाओं को सिरे से नकार दिया है। राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने लोगों से मनगढंत ख़बरों पर यकीन नहीं करने को कहा है। साथ ही बताया है कि कश्मीर में पिछले छह दिनों में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है।

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Jammu & Kashmir Police: People should not believe any mischievous & motivated news regarding firing incidents in the valley. The police have not fired a single bullet in 6 days. The situation is calm, people are cooperative & restrictions are being relaxed.

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पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया, “पथराव की मामूली घटना जिससे तत्काल निपट लिया गया था, को छोड़ कर किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।” 

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के बयान के बाद राज्य की स्थिति के संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने यह बात कही। राहुल ने नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था कि कश्मीर की स्थिति बेहद ख़राब है।

राहुल गाँधी के बयान के कुछ ही मिनट बाद श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया कि स्थिति शांतिपूर्ण है। ट्वीट में कहा गया, “घाटी में स्थिति आज सामान्य थी। किसी अप्रिय घटना की ख़बर नहीं मिली। कुछ चुनिंदा स्थानों पर प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाए गए थे।” 

कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने भी पुलिस फायरिंग की ख़बरों को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “कुछ इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस फायरिंग का दावा किया गया है, जो पूरी तरह गलत है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से घाटी में शांति है।” इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी ऐसी ख़बरों को मनगढ़ंत और आधारहीन करार दिया था। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि शुक्रवार को श्रीनगर में 10,000 लोगों द्वारा विरोध-प्रदर्शन करने का दावा गलत है। जुमे के मौके पर श्रीनगर और बारामूला में छिटपुट प्रदर्शन हुए थे, लेकिन इनमें 20 से ज्यादा लोग नहीं थे।

अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निष्क्रिय किए जाने से पहले सरकार ने कुछ एहतियातन कदम उठाए थे। इनमें धारा 144 लागू करना, अतिरिक्त बलों की तैनाती, इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने जैसे कदम शामिल थे। अब जम्मू इलाके से धारा 144 हटा ली गई है और अन्य जगहों पर भी प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और राज्य में डेरा डाल रखा है। यहाँ तक कि शुक्रवार को उन्होंने ज़िहादियों का गढ़ माने जाने वाले अनंतनाग का दौरा कर स्थानीय लोगों से बातचीत की थी। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार सुरक्षा हालात की समीक्षा कर रहे हैं। राज्यपाल सतपाल मलिक के अनुसार, बकरीद के लिए प्रशासन ने राज्य में सभी आवश्यक इंतज़ाम कर लिए हैं।

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