नई दिल्ली। राजस्थान में बीजेपी के लिए मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज बीजेपी नेता घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर अपना रास्ता बदल दिया था. इन सबके बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और बाड़मेर जिले के शिव से विधायक मानवेन्द्र सिंह जसोल ने भी पार्टी से दूरी बना ली है. मानवेन्द्र सिंह ने शनिवार को बाड़मेर के पचपादरा में ‘स्वाभिमान सम्मेलन’ का आयोजन कर बीजेपी से अपना नाता तोड़ लिया. ऐसा माना जा रहा है कि वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
2014 से ही चल रहे थे नाराज
माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर से पिता जसवंत सिंह को टिकट नहीं मिलने के बाद से ही मानवेन्द्र बीजेपी से नाराज चल रहे थे. हालांकि, जसवंत ने एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और वे बीजेपी के प्रत्याशी सोनाराम से चुनाव हार गए थे. बता दें कि 2014 के चुनाव में मानवेंद्र ने बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ अपने पिता के लिए प्रचार किया था. कहा जाता है कि वे तब से ही बीजेपी के साथ अघोषित युद्ध पर थे.
सीएम वसुंधरा की गौरव यात्रा का किया था विरोध
मानवेन्द्र सिंह ने सीएम वसुंधरा राजे की ‘गौरव यात्रा’ का विरोध करते हुए पूरे प्रदेश के लोगों को अपनी रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. इस रैली में मानवेंद्र की मां शीतल कंवर और उनकी पत्नी चित्रा सिंह उनके साथ मौजूद थीं. मानवेन्द्र की नाराजगी का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी की अटल सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री रहे जसवंत सिंह की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस समय उनसे मिलने वरिष्ठ बीजेपी नेता एलके आडवाणी के अलावा और कोई बीजेपी नेता नहीं पहुंचा था.
बीजेपी पर लगाया अनदेखी का आरोप
बीजेपी में लगातार बागी नेताओं का खुलकर सामने आने का क्रम शुरू हो गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज बीजेपी नेता घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर अपना रास्ता बदल दिया था. मानवेन्द्र सिंह ने ‘स्वाभिमान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि बीते चार-पांच सालों से बीजेपी में मेरी अनदेखी की जा रही है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने जब भी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को इन मुद्दों से अवगत कराया, तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी. सिंह ने कहा कि अब मेरा धैर्य जवाब दे चुका है और मैं पार्टी छोड़ रहा हूं. ‘कमल का फूल, हमारी भूल’ कहते हुए उन्होंने बीजेपी छोड़ने की बात पर मोहर लगा दी.