नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ हो रहे देशभर में हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। इस दौरान ऐसे कई और वीडियो और ख़बरे सामने आईं हैं जहाँ पुलिस पर हमलावर हुई उग्र भीड़ ने तेज़ाब और पेट्रोल बम से हमले किए तो कहीं, सार्वजनिक सम्पति को इस क़दर क्षति पहुँचाई कि यूपी के मुख्यमंत्री को यह कहना पड़ा कि सभी सार्वजनिक क्षति की भरपाई दंगाइयों की सम्पत्ति की कुर्की करके की जाएगी।
इसी बीच एक ऐसा वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें एक बुज़ुर्ग भारतीय मुस्लिम कह रहे हैं कि अगर पाकिस्तान के मुसलमान भारतीय नागरिक बन जाएँगे तो फिर विभाजन का क्या मतलब रह जाएगा। उन्होंने तल्ख़ अंदाज़ में कहा, “पाकिस्तान से जब मुसलमान ही यहाँ आकर बसने लगेंगे, तो उनको रहने के लिए पाकिस्तान क्यों दे रहे हो, फिर उसे (पाकिस्तान को) हिन्दुस्तान में शामिल कर लो।” उन्होंने कहा कि अगर अफ़ग़ानिस्तान से आकर सब भारत की नागरिकता लेंगे तो पूरे को हिन्दुस्तान घोषित कर दो।
.@AzmiShabana jawab lo… अफवाह और नफरत फैलाना बंद करिये।#ISupportCAA_NRC https://t.co/XGZbpGYsrb pic.twitter.com/IHWcsmtzAs
— सौरभ त्रिपाठी(Saurabh Tripathi) (@STShandilya) December 21, 2019
इसके अलावा उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर जो मुस्लिम भ्रमित हैं, असल में वो ग़लती उनकी नहीं है बल्कि हमारे रहनुमाओं (नेताओं) की है। असल में दोषी वही हैं जो मुसलमानों को उकसा रहे हैं, उनकी वजह से भारत के मुसलमान आवेश में हैं। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि कि हमारे मुसलमान में उतना पढ़ा-लिखा समाज नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मुसलमान गुमराह हैं और इसलिए वो विरोध-प्रदर्शनों का हिस्सा बन जाते हैं और हाथ में हथियार उठा लेते हैं।
ग़ौरतलब है कि विपक्ष के विरोध के बावजूद नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा द्वारा और सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा द्वारा पारित किया गया। मौजूदा क़ानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल यहाँ रहना अनिवार्य था। नए कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है। मौजूदा क़ानून के तहत भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती थी और उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने का प्रावधान था।