नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना से प्रभावित किसानों की याचिका पर गुजरात सरकार और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) को नोटिस जारी किया. जमीन के लिए अधिक मुआवजा मांग कर रहे किसान बुलेट ट्रेन परियोजना पर रोक चाहते हैं. हालांकि, आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया. मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.
जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सुनवाई करते हुए केंद्र, गुजरात सरकार और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) को नोटिस जारी किया. याचिका गुजरात के अमृतभाई पटेल समेत कई किसानों ने दायर की है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, संजय पारिख और कामिनी जायसवाल ने पैरवी करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के 19 सितंबर, 2019 के फैसले की वैधानिकता को चुनौती दी.
गुजरात हाईकोर्ट ने किसानों की याचिका खारिज कर दी थी. किसानों की मांग थी उनकी जमीन का मार्केट के हिसाब से मुआवजा दिया जाए, न कि सरकारी दर के अनुसार. किसानों की इस मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. उधर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुजरात हाईकोर्ट ने फैसले बचाव किया.
बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद महत्वकांक्षी परियोजना है. इस प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा करके बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य है. हालांकि यह लक्ष्य अब असंभव सा नजर आ रहा है. बुलेट ट्रेन (Bullet train) प्रोजेक्ट की राह में कई रोड़े आ गए हैं. सरकार तय समसीमा में बदलाव कर सकती है.