वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले विवादों ने सुर्खियां बटोर ली है. इंदौर वनडे में टिकट बंटवारे को लेकर उठे विवाद के बाद अब पहले टेस्ट मैच में राजकोट की पिच को लेकर नया विवाद सामने आया है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड इस पिच का निर्माण अपने हिसाब से करना चाहती है जिसे लेकर सौराष्ट्र क्रिकेट असोसिएशन भारतीय क्रिकेट बोर्ड से नाराज है.
बीसीसीआई ने क्यों उठाया ऐसा कदम
आमतौर पर पिछले कुछ सालों से बीसीसीआई के क्युरेटर ही पिच बनाते रहे हैं. इस बार बीसीसीआई कुछ अलग पिच चाहता है जिसमें गेंदबाजों को अतिरिक्त उछाल मिले. साल के अंत में टीम के ऑस्ट्रेलियाई दौरे को ध्यान में रखकर बीसीसीआई ने अपने क्युरेटर दलजीत सिंह और विश्वजीक पेडियार को राजकोट भेजा है. खबरों की मानें तो बीसीसीआई की ओर से उन्हें उछाल वाली पिच बनाने को कहा गया है, ताकि वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के आगे भारतीय बल्लबाजों को ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले कुछ अभ्यास मिल सके.
निरंजन शाह हुए नाराज
बीसीसीआई के पूर्व सचिव और सौराष्ट्र क्रिकेट के अहम सदस्य निरंजन शाह बीसीसीआई के इस फैसले से नराज हैं, उन्होंने कहा कि बोर्ड गलत परंपरा शुरू कर रहा है क्योंकि सभी मान्यता प्राप्त संघों के पास अनुभवी पिच क्यूरेटर मौजूद हैं जो साल भर काम करते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शाह ने कहा, बीसीसीआई का अपना क्यूरेटर भेजना गलत पहला है. अगर मैच के बाद आईसीसी ने पिच को लेकर कोई ऐतराज जताया तो एससीए इसका जिम्मेदार नहीं होगा. बीसीसीआई को ही सारी जिम्मेदारी लेनी होगी.
वेस्टइंडीज का भारत दौरा 11 नवंबर को समाप्त होगा और ऑस्ट्रेलिया में भारत को पहला टी20 21 नवंबर को खेलना है. दोनों मैचो के बीच सिर्फ 10 दिन का समय है.
कोच रवि शास्त्री ने इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कहा था कि सिर्फ 10 दिनों के समय में टीम को तैयार करना मुश्किल होगा.
आपको बता दें कि राजकोट के मैदान पर यह दूसरा टेस्ट मैच होगा. दो साल पहले यहां इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने खेला था जो ड्रॉ रहा था.