नई दिल्ली। साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने विपक्षी एकता के दावों को धता बता दिया है। मायावती ने बुधवार (3 अक्टूबर) को दिल्ली में प्रेसवार्ता बुलवाकर राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावों में अकेले ही उतरने का ऐलान किया।
मायावती ने साफ कर दिया कि इन दोनों ही जगहों (मध्य प्रदेश और राजस्थान) पर बसपा अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी। मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है। मायावती के इस बयान से से साल 2019 के चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष और यूपी में महागठबंधन बनने की उम्मीद भी धूमिल हो गई है।
Digvijaya Singh who is also a BJP agent is giving statements that Mayawati ji has a lot of pressure from Centre so she doesn’t want this alliance. This is baseless: BSP Chief Mayawati to ANI pic.twitter.com/4tEQStqpyt
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2018
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे ज्यादा नाराजगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान से जताई। दरअसल, बुधवार (3 अक्टूबर) को दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था। कि छत्तीसगढ़ में मायावती ने बीजेपी के कहने पर सीबीआई और ईडी के डर से अजीत जोगी के साथ गठबंधन किया है।
दिग्विजय सिंह के इसी बयान का हवाला देकर मायावती ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जमकर खरी-खोटी सुनाई। मायावती ने दिग्विजय सिंह को आरएसएस का एजेंट बताया। मायावती ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के ईमानदार प्रयासों के बावजूद उनके जैसे कुछ नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बसपा का गठबंधन हो।
#WATCH Delhi: BSP Chief Mayawati’s reaction when asked if there is any possibility of a BSP-Congress alliance for the upcoming Lok Sabha & assembly elections. pic.twitter.com/jAztvwiV7r
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2018
मायावती ने दिग्विजय सिंह के बहाने पूरे कांग्रेस नेतृत्व की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए। मायावती ने कहा कि कांग्रेस केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए गंभीर नहीं है। कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी को खत्म करना चाहती है। बसपा प्रमुख ने ऐलान किया कि वह विधानसभा चुनाव मं अकेले ही मैदान में उतरेंगी। इसके अलावा कांग्रेस से भी भविष्य में कभी गठबंधन नहीं किया जाएगा।
वैसे बता दें कि कुछ दिनों पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। मायावती के इस फैसले से कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को गहरा झटका लगा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने मायावती के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। पुनिया ने आरोप लगाया था कि ये डील भाजपा के इशारे पर कांग्रेस को रोकने के लिए की गई है।