लखनऊ। परिवहन निगम के इतिहास में पहली बार भष्ट अफसरों पर बड़ी कार्रवाही की गई है। अलीगढ़ क्षेत्र में बीते दस साल से 50 रोडवेज बसों में फर्जी टिकट जारी किया जा रहा था। इस मामले में शामिल दो क्षेत्रीय प्रबंधक सहित तीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक और छह यातायात अधीक्षक व तीन अन्य कर्मी मिलाकर प्रबंध निदेशक पी गुरु प्रसाद ने बुधवार को 14 कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा 51 संविदा कर्मी बर्खास्त किए गए हैं।
निगम के प्रबंध निदेशक ने अपर प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) की जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई बुधवार को की। एमडी की इस कार्रवाई से प्रदेश भर में रोडवेज अफसरों के बीच हड़कंप मच गया है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि जो जैसा करेगा उसका उसको परिणाम मिलेगा। इसी तर्ज पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। अलीगढ़ क्षेत्र में जिन अफसरों पर निलंबन की गाज गिरी है उनमें अलीगढ़ क्षेत्र के वर्तमान क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल त्रिपाठी और आगरा क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पीएस मिश्रा शामिल है।
इसके अलावा तीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों में मथुरा के अक्ष्य कुमार, हथरस के गोपाल स्वरूप शर्मा व बुद्धविहार डिपो के योगेंद्र प्रताप सिंह है। वहीं छह यातायात निरीक्षकों में अलीगढ़ के आयुष भटनागर, लक्ष्मण सिंह, चक्कर, हेमंत मिश्रा के अलावा आगरा के अशोक सागर व आरसी यादव को निलंबित किया गया है। तीन अन्य कर्मियों में मेघ सिंह, देवेंद्र सिंह व मनोज निलंबित हुए है। निलंबित किए गए अफसरों की जगह नई तैनाती की तैयारी चल रही है।
दस साल से चल रहा था फर्जी टिकट का खेल
अलीगढ़ क्षेत्र में रोडवेज अफसरों की मिली भगत से स्थानीय माफिया 40 से अधिक सरकरी बसों पर कब्जा जमाए थे। अफसरों की मिली भगत का यह धंधा बीते दस साल से चल रहा था। बसों में फर्जी टिकट जारी करने पर होने वाली आय को आपस में बांट लेते थे। इस मामले के शिकायत पूर्व के एमडी से होती रही। पर कार्रवाही किसी ने नहीं की। वर्तमान एमडी पी गुरु प्रसाद ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एसटीएफ से जांच कराई। दो माह की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद एमडी ने अपने स्तर से जांच कराते हुए निलंबन की बड़ी कार्रवाई की।
एसटीएफ की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई बाद में
इस मामले में एमडी ने एसटीएफ से जांच कराई थी। जिसमें स्थानीय माफियाओं ने एसटीएफ टीम पर हमला बोल दिया था। इस मामले में एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी है। रिपोर्ट में दो दर्जन से अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई। जिसमें शासन स्तर पर कार्रवाई लंबित है।
इन अफसरों की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
प्रबंध निदेशक पी गुरू प्रसाद के निर्देश पर अपर प्रबंध निदेशक ब्रहम देव राम तिवारी की अध्यक्षता में अलीगढ़ प्रकरण की जांच के लिए एक समिति गठित की गयी थी। समिति में मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) कर्मेंद्र सिह, वित्त नियंत्रक स्मृति लाल यादव, नोडल अधिकारी आगरा विद्यांशु कृष्ण, नोडल अधिकारी अलीगढ़ आशीष चटर्जी सदस्य थे। समिति ने एक अक्तूबर को अपनी जांच रिपोर्ट एमडी को सौंपी। जिसपर बुधवार को एमडी ने कार्रवाही की।