वाशिंगटन। कोरोना (Coronavirus) महामारी की सबसे ज्यादा मार झेल रहे अमेरिका में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और संक्रामक बीमारियों के शीर्ष विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी खुलकर आमने-सामने आ गए हैं. फॉसी ने कोरोना से मुकाबले के लिए सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया था. जिसके जवाब में ट्रम्प ने फॉसी को बर्खास्त करने की मांग वाले ट्वीट को रीट्वीट करके अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं.
अमेरिका में पहले से ही हालात खराब हैं, ऐसे में यह नई ‘दुश्मनी’ अमेरिकियों की परेशानी की और भी बढ़ा सकती है. इस विवाद की शुरुआत हाल ही में तब हुई जब CNN के टॉक शो ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ में एंथोनी फॉसी से पूछा गया कि अमेरिकी प्रशासन ने कोरोनोवायरस के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग पर उनकी और अन्य डॉक्टरों की सलाह को क्यों नकार दिया? इसके जवाब में फॉसी ने जो कुछ कहा, वो ट्रम्प प्रशासन को पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने कई बार कहा है, हम इसे शुद्ध स्वास्थ्य दृष्टिकोण से देखते हैं. हम सिफारिश करते हैं, कई बार उन्हें स्वीकार जाता है और कई बार नहीं’.
सबकुछ लॉकडाउन किया होता, तो आज स्थिति अलग होती
CNN के पत्रकार ने आगे पूछा की यदि सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय मार्च के बजाये फरवरी में किये गए होते तो क्या कुछ लोगों की जान नहीं बचाई जा सकती थी? इस पर फॉसी ने कहा, ‘पीछे जाकर कुछ कहना बहुत कठिन है, लेकिन आपने जो कहा है उससे इंकार भी नहीं किया जा सकता. इस तरह के फैसले अक्सर जटिल होते हैं, पर आप सही हैं. यदि हमने शुरुआत में कड़े कदम उठाये होते, सबकुछ लॉकडाउन किया होता, तो शायद आज स्थिति कुछ अलग होती’. एंथोनी फॉसी ने अपने जवाबों में एक तरह से यह दर्शाने का प्रयास किया कि प्रशासन ने कोरोना के खतरे के आकलन में गलती की और उनकी सलाह पर गौर नहीं किया. जिसके चलते हालात इतने बिगड़े.
ट्रम्प ने मेडिकल विशेषज्ञों की बात नहीं सुनी
फॉसी का यह बयान राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके समर्थकों को बिलकुल भी रास नहीं आया. अमेरिकी कांग्रेस की उम्मीदवार रह चुकीं डे अन्ना लोरैन ने जब ट्वीट करके फॉसी को बर्खास्त करने की बात कही तो ट्रम्प ने उनके ट्वीट को रीट्वीट करके एक तरह से इसका समर्थन किया. लोरैन ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘फॉसी अब कह रहे हैं कि यदि ट्रम्प ने मेडिकल विशेषज्ञों की बात सुनी होती, तो वह कई जिंदगियों को बचा सकते थे. लेकिन 29 फरवरी को वह कह रहे थे कि चिंता की कोई बात नहीं है, अमेरिका को इससे (कोरोना) से कोई खतरा नहीं है. अब समय आ गया है कि फॉसी को हटाया जाए’.
विवाद बढ़ाएगा परेशानी?
ट्रम्प और संक्रामक बीमारियों के शीर्ष विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी के बीच विवाद ऐसे समय आया है जब अमेरिका में कोरोना संक्रमितों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यहाँ मरने वालों का आंकड़ा 21 हजार के पार निकल गया है और संक्रमित मरीजों की संख्या 555,000 के करीब पहुँच गई है. यदि यह विवाद लंबा खिंचता है, तो आशंका है कि इसका कोरोना से अमेरिका की लड़ाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा.