नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच केन्द्र सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए 500 करोड़ रुपए के इमरजेंसी फंड को मंजूरी दी है। इस रकम से सेना जरूरत के मुताबिक हथियार और गोला-बारूद खरीद सकती है।
सरकार ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को खतरनाक हथियारों की तात्कालिक और आपात खरीद के लिए 500 करोड़ रुपए तक की वित्तीय शक्तियाँ दी हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है कि जब पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना ने बड़ी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है।
इससे पहले सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए तीनों सेनाओं ने पहले ही आपात हथियारों की सूची को बनाना शुरू कर दिया था। इस सूचा में तात्कालिक जरूरत और कम समय में खरीदे जाने वाले हथियारों को रखा गया है।
रक्षा मंत्री कल (22 जून, 2020) रूस जा रहे हैं। सम्भावना जताई जा रही है कि इस दौरान सेना के लिए इमरजेंसी हथियारों की खरीद की जा सकती है।
हालाँकि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब सरकार ने सेनाओं को हथियार खरीद के लिए आपात फंड को मंजूरी दी है। इससे पहले भी उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट हवाई हमलों के बाद भी सशस्त्र बलों को इसी तरह की वित्तीय शक्तियाँ प्रदान की गईं थी। वैसे भी उरी हमले के बाद सेना ने बड़ी संख्या में आधुनिक हथियारों के साथ कुछ मिसाइलों का भी स्टॉक किया है।
गौरतलब है कि बीते सोमवार 15 जून को गलवान घाटी पर चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि चीन के 43 सैनिकों के मार जाने की खबर है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।