नई दिल्ली। राजस्थान में गहलोत सरकार को लेकर सियासी खेल पेचीदा होता जा रहा है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच तनातनी खुलकर सामने आ गई है. सचिन पायलट दिल्ली में बताए जाते हैं. वह पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की कोशिश में हैं. सचिन पायलट का आरोप है कि अशोक गहलोत उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्हें सरकार के फैसलों में अहमियत नहीं दी जाती है. उधर गहलोत खेमे का आरोप है कि सचिन पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं.
इस बीच, राजस्थान से बीजेपी सांसद ओम माथुर ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही सत्ताधारी पार्टी में कलह शुरू हो गई थी. सीएम अशोक गहलोत को बीजेपी पर आरोप मढ़ने से पहले अपने घर में झांकना चाहिए. क्या सचिन पायलट पाला पलटेंगे? इस पर ओम माथुर ने कहा कि जिसने (सचिन पायलट) पांच साल मेहनत की उसे मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, जो दिल्ली में थे (अशोक गहलोत) उन्हें सीएम बना दिया गया. उसी दिन से यह साफ हो गया कि मेहनत किसी और ने की और फल कोई और खा रहा है. इनकी (कांग्रेस) अंतर्कलह पहले दिन से ही शुरू हो गई थी.
ओम माथुर ने कहा कि कांग्रेस के बीच अक्सर कलह की खबरें आती रहती हैं. अशोक गहलोत तो इसका आरोप जबरदस्ती बीजेपी पर डाल रहे हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि राजस्थान में अभी के सियासी हालात के लिए कांग्रेस को बीजेपी को दोष नहीं देना चाहिए. उन्हें अपना घर देखना चाहिए. जब गहलोत सरकार का गठन हुआ था, तब से यह संकट चला आ रहा है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई इसकी असली वजह है. गहलोत बीजेपी को दोष देने की कोशिश कर रहे हैं.
ओम माथुर ने कहा, अशोक गहलोत कह रहे है कि मेरे पास 125 विधायक हैं तो 10 दिन तक बैठकर कैम्प करने का भय क्यों लगा. उनके घर (पार्टी में) में ही दिक्कत है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बहुत हल्का बोला है.