लखनऊ। कानपुर कांड के बाद उत्तर प्रदेश के मोस्टवांटेड अपराधी बने विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराने के साथ ही सूबे में इनामी बदमाशों के मारे जाने का आंकड़ा 100 हो गया है। योगी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में अब तक कुल 122 अपराधी ढेर हो चुके हैं। इनमें 22 पर इनाम नहीं था। मुठभेड़ों में एक सीओ समेत 13 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए। वर्ष 2017 से अब तक पांच लाख के इनामी विकास के अलावा ढाई लाख रुपये के तीन इनामी, दो लाख का एक, डेढ़ लाख के तीन, एक लाख के 11 समेत अन्य इनामी बदमाश मारे गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त कार्रवाई के निर्देश पर तीन साल में 6,126 मुठभेड़ में 13,361 अपराधी गिरफ्तार किए गए।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 मार्च, 2017 से 10 जुलाई के बीच कुल 122 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। इनमें पांच लाख के इनामी विकास से पहले ढाई लाख रुपये के तीन इनामी बदमाश, दो लाख का एक, डेढ़ लाख के तीन, एक लाख के 11, 75 हजार का एक, 62 हजार का एक, 50 हजार के 43, 25 हजार के 20 और 15 हजार के चार इनामी बदमाश शामिल हैं। इसके अलावा 12 हजार के चार व पांच हजार रुपये का एक इनामी बदमाश भी मारा गया। इसके अलावा 22 ऐसे अपराधी भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जिन पर कोई इनाम घोषित नहीं था।
बता दें कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल विकास दुबे का 10 जुलाई की सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। उसे उज्जैन से कोर्ट में पेशी के लिए लाते वक्त कानपुर शहर से पहले ही सचेंडी थाना क्षेत्र में बेसहारा जानवरों को बचाने के चक्कर में एसटीएफ की कार पलटी तो कुछ पल के लिए पुलिसकर्मी हल्की बेहोशी की हालत में आ गए। इस दौरान विकास दुबे ने एक इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उसका पीछा किया। विकास के पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने के जवाब में एसटीएफ और पुलिस टीम के सदस्यों ने उसे ढेर कर दिया। मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान भी घायल हुए हैं। इस पांच लाख रुपये इनामी हिस्ट्रीशीटर को गुरुवार सुबह उज्जैन (मध्य प्रदेश) के महाकालेश्वर मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था।