नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस पर सियासी संकट आ गया है. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत ने कमलनाथ सरकार गिराने का काम किया तो अब सचिन पायलट के बागी तेवर अशोक गहलोत की कुर्सी पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. गहलोत भी एक्शन मोड में हैं और आज सचिन पायलट पार्टी से बाहर किए जा सकते हैं. खबर ये भी है कि सचिन पायलट की जगह रघुवीर मीणा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है.
रघुवीर मीणा राजस्थान की राजनीति के वो नेता हैं जो सरपंच चुनाव से होते हुए विधानसभा और लोकसभा तक पहुंचे. 1988 में रघुवीर मीणा उदयपुर जिले की सारदा तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खारबर के सरपंच बने थे. 61 साल के रघुवीर मीणा ने ग्राम पंचायत चुनाव के बाद 1993 में पहली बार सारदा विधासभा चुनाव सीट से चुनाव जीता. 2008 तक वो इसी सीट से चुनाव जीतते रहे और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री भी बने.
अशोक गहलोत के पुराने सहयोगी और करीबी होने के अलावा रघुवीर मीणा का संगठन में बड़ा अनुभव है. यूथ कांग्रेस से लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक रघुवीर मीणा ने कई अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. 2005 से 2011 तक वो राजस्थान कांग्रेस के महासचिव भी रहे और प्रदेश उपाध्यक्ष का पद भी संभाला. सारदा विधानसभा के बाद रघुवीर मीणा ने 2008 में सालुंबर विधानसभा से हाथ आजमाया और जीत दर्ज की. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें उदयपुर सीट से टिकट दिया तो यहां भी रघुवीर मीणा ने पास होकर दिखाया.