जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत है, जबकि सचिन पायलट गुट का कहना है कि सरकार अल्पमत में है. ऐसे में अगर सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार बचा लेने का दावा कर रहे हैं तो सवाल उठता है कि उनके पास क्या फॉर्मूला है.
राजस्थान के सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा है. दावा किया जा रहा है कि अशोक गहलोत नाराज विधायकों को अपने पाले में कर सकते हैं. कोई दो उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला बता रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए सीएम अशोक गहलोत के पास क्या-क्या विकल्प हैं.
पहला- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फ्लोर पर अपना बहुमत साबित करने के लिए नहीं कहेंगे और जब तक बीजेपी आगे बढ़ कर राज्यपाल के जरिए यह काम नहीं करवाती है. कांग्रेस विधायक फेयरमाउंट होटल में रूके रहेंगे. हालांकि पायलट गुट का दावा है कि अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से कहा है कि विधायकों के लिस्ट देने के लिए उन्हें 4 दिन का वक्त दें.
तीसरा- आगे इस तरह का कोई संकट नहीं हो उस पर नजर रखने के लिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए, जहां पर विधायक और मंत्री अपनी नाराजगी और समस्या बताएं और उसे तुरंत दूर किया जाए.
चौथा- अशोक गहलोत के खेमे में रह गए सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में जगह दें और राजनीतिक नियुक्तियों जैसे बोर्ड और निगमों में नियुक्त करें ताकि वह अशोक गहलोत के साथ बने रहे.
पांचवा- सचिन पायलट के पास गए विधायकों को वापस लाने की कोशिश करें और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दे.
छठवां- बीजेपी या राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के विधायकों में सेंधमारी करें और जरूरत पड़ने पर उनसे इस्तीफा दिलवाएं.