चंडीगढ़। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट को हरियाणा में भी समर्थन मिला है। पिछले साल बागी तेवर के बाद कांग्रेस छोडने को विवश हुए हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डाॅ अशोक तंवर बुधवार को सचिन पायलट के समर्थन में खुलकर सामने आए। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे घमासान को लेकर डा. अशोक तंवर ने कांग्रेस नेतृत्व व राज्य प्रभारियों को कठघरे में खड़ा किया।
तंवर बोले- कांग्रेस प्रभारियों ने पहले हरियाणा को लूटा, अब पार्टी को खत्म कर रहे
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी जंग के बीच हरियाणा के संदर्भ में अशोक तंवर के कड़े रुख के खास मायने हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थक विधायकों ने तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का अभियान चलाया हुआ था। नौबत यहां तक आ गई थी कि तंवर के नहीं हटने की स्थिति में हुड्डा ने पार्टी तक छोडऩे के संकेत दे दिए थे। हुड्डा की इस दबाव की राजनीति का असर यह हुआ कि तंवर को खुद कांग्रेस छोडऩी पड़ गई और कुमारी सैलजा को अध्यक्ष बनाया गया।
राजस्थान में घमासान के बहाने अशोक तंवर ने हुड्डा पर बोला बड़ा हमला
डॉ. अशोक तंवर फिलहाल किसी पार्टी में नहीं हैैं। वह कभी दुष्यंत चौटाला के साथ नजर आते हैैं तो कभी अभय चौटाला उनके साथ चाय पीते हैैं। राजस्थान कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच अशोक तंवर ने बुधवार को जमकर अपने मन की भड़ास निकाली। उनके निशाने पर कांग्रेस नेतृत्व, कांग्रेस के राज्य प्रभारी और हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल के नेता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही रहे। कांग्रकस महासचिवों की कार्यशैली पर उन्होंने खूब सवाल उठाए।
भाजपा पर आरोप लगाना गलत, विधायक तो कांग्र्रेस भी खरीदती रही
अशोक तंवर ने यहां तक कहा कि दस साल हुड्डा की सरकार में कांग्रेस के प्रभारी महासचिवों ने प्रदेश को लूटने का काम किया और अब वह कांग्रेस को खत्म करने में जुटे हुए हैैं। उन्होंने कहा, कभी किसी प्रभारी ने अपने व्यक्तिगत हित की वजह से हाईकमान को सही रिपोर्ट नहीं दी। हमने तो कांग्रेस से सिर्फ अपनी मजदूरी मांगी थी। भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े सवाल पर तंवर ने कहा कि कांग्रेस भी ऐसा करती रही है। यह कोई नई बात नहीं है।
अशोक तंवर ने कहा हमने तो सिर्फ कार्यकर्ताओं की मेहनत की मजदूरी मांगी थी
तंवर ने कहा कि कांग्र्रेस प्रभारियों ने हुड्डा के दबाव में हमेशा हमारे विरोध में काम किया। हमारी लड़ाई राजस्थान की लड़ाई से भिन्न थी। राजस्थान में सत्ता में हिस्सेदारी की लड़ाई है, जबकि हरियाणा में हमने अपने साथियों का ध्यान रखने की लड़ाई लड़ी थी। मेहनत हमने की थी, लेकिन मजे कोई और ले रहा था। आम कार्यकर्ताओं की सुनवाई होती तो आज हरियाणा और मध्यप्रदेश में कांग्र्रेस की सरकार होती तथा राजस्थान की सरकार पर भी संकट के बादल नहीं छाए होते।
अशोक तंवर का कहना है कि दिल्ली रैली में हमारे ऊपर हमला तक किया गया। जिन लोगों ने ऐसा किया, उन्हें कभी कुछ कहा नहीं गया। अगर हमारी सुनवाई होती तो हमें कांग्रेस न छोड़नी पड़ती। हर कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। कहीं युवा तो कहीं बुजुर्ग नेतृत्व पर भरोसा जताया जा सकता था। हुड्डा का नाम लिए बगैर तंवर ने कहा कि कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे हैैं, जो भाजपा व आरएसएस के इशारे पर काम कर रहे हैैं। वही लोग कांग्रेस को खत्म करने में जुटे हैैं।