कानपुर। बिकरू गांव में दो जुलाई की रात जिस मुकदमे को लेकर दुर्दांत विकास की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश देने पहुंची थी, उसका एक और खौफनाक सच सामने आया है। इसे बयां किया है, घटना के 12 दिन बाद सामने आए पीडि़त राहुल तिवारी ने। राहुल के मुताबिक दो जुलाई की दोपहर चौबेपुर एसओ विनय तिवारी के सामने उसे पीटा गया। रोकने पर एसओ से हाथापाई की, फोन छीन लिए। दोनों को दो घंटे बंधक भी बनाए रखा। बकौल राहुल, दुर्दांत विकास ने उसे और एसओ को जनेऊ और गंगाजल देकर कसम खिलाई कि उनकी जान बख्श दी जाए तो वह कभी उसके रास्ते में नहीं आएंगे। दोनों ने यह कसम खाई भी। विकास ने भी कसम खाई थी कि उनकी जान बख्श देगा, लेकिन धोखा देने पर किसी को नहीं छोड़ेगा। पुलिस दोबारा गांव आई तो लाशें उठेंगी और वही हुआ भी। दबिश के दौरान सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। विकास को मुखबिरी करने के आरोप में विनय तिवारी इस समय जेल में है।
राहुल ने बताया कि 27 जून को वह ससुराल की दो भैंसों को मोटरसाइकिल में बांधकर जादेपुर ला रहा था। किसी तरह यह जानकारी हो जाने पर विकास दुबे के गुर्गों ने उसे रास्ते में घेर लिया। मार पीटकर भैंस, बाइक और 52 हजार रुपये भी लूट लिए। उसने चौबेपुर थाने पहुंचकर तहरीर दी। एक जुलाई की सुबह नौ बजे चौबेपुर एसओ विनय तिवारी ने फोन करके उसे थाने बुलाया। पहले उसे घटनास्थल ले गए। फिर, जीप में बैठाकर बिकरू चलने को कहा। बकौल राहुल, मैैं डर रहा था, लेकिन पुलिस के साथ होने से हिम्मत करके चला गया। आगे जो हुआ, उसे याद कर वह कांपने लगता है। कंपकंपाते हुए बताया कि बिकरू पहुंचने पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने उस पर बंदूकें और रायफलें तान दीं। जमकर पीटा।
गंगाजल लेकर एसओ व राहुल ने रास्ते में न आने का दिया था वचन
एसओ विनय तिवारी ने बचाने की कोशिश की तो विकास और गुर्गों ने उनसे भी अभद्रता की। एसओ अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगे तो विकास भड़क गया और हाथापाई करके एसओ से फोन छीन लिए। दोनों के सीने पर रायफलें तान दी गईं। जनेऊ का वास्ता देकर दोनों लोगों ने कसम खाई तब छूटे। विकास के कहने पर पड़ोसी गोङ्क्षवद दुबे की मां अपने घर से गंगाजल लेकर आईं। बोलीं, इन्हें कसम खिलाओ कि दोबारा कभी इधर नहीं दिखेंगे। फिर, दोनों ने गंगाजल लेकर कसम खाई। विकास ने भी कसम खाई। फिर, उसकी लूटी गई बाइक भी लिखा-पढ़ी में वापस कर दी गई। करीब दो घंटे तक एसओ और वह विकास के किलेनुमा घर पर बंधक रहे। दोपहर साढ़े तीन बजे उन्हें छोड़ा गया।
एसओ ने गढ़ी गोलियां बरसाने की बात
पिटाई से डरे राहुल ने फोन पर एसएसपी दिनेश कुमार पी को पूरी घटना बताई थी। दो जुलाई की रात फोन करके उसे थाने बुलवाया गया था। बकौल राहुल, रात को एसओ ने तहरीर के लिए सादे कागज पर दस्तखत करा लिए। बाद में पता चला कि एफआइआर में मुझ पर गोलियां चलाकर जानलेवा हमले का आरोप विकास दुबे पर लगाया गया है। हालांकि, विकास ने मुझ पर गोलियां कभी नहीं चलाईं। गोलियां चलाकर जान लेने के प्रयास की कहानी एसओ ने अपने मन से गढ़ी है।
कौन है राहुल तिवारी
दो जुलाई को राहुल तिवारी की ही शिकायत पर तीन थानों की पुलिस बिकरू पहुंची थी। विकास और राहुल के बीच छह बीघा जमीन को लेकर झगड़ा था। यह जमीन मोहिनी नेवादा गांव के लल्लन शुक्ला की थी। लल्लन का कोई बेटा नहीं है। तीन बेटियां हैैं। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। इनमें ही प्रतिमा की शादी जादेपुर निवासी राहुल तिवारी से हुई है। राहुल के मुताबिक लल्लन शुक्ला ने उन्नाव के गौरी निवासी भांजे सुनील तिवारी को अपने सहयोग के लिए घर पर रखा था। करीब साल भर पहले लल्लन शुक्ला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई तो फर्जी वसीयत के आधार पर खुद को बेटा घोषित करते हुए सुनील ने सारी जमीन कब्जा ली। सुनील की पत्नी समीक्षा शुक्ला, विकास की भतीजी है। समीक्षा का भाई शिवम दुबे भी पुलिस पर हमले में नामजद है। शिवम के बताने पर मुख्य सड़क से सटी करोड़ों की जमीन पर विकास की नजर टिक गई और वह राहुल तिवारी का दुश्मन बन बैठा।
मिली सुरक्षा, मांगा शस्त्र लाइसेंस
राहुल को फिलहाल पुलिस ने सुरक्षा दे रखी है। हालांकि, उसने जिला प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस देने की मांग भी की है।