लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भी उसके परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बिकरू गांव की एसआइटी जाचं के साथ विकास दुबे की संपत्ति खंगालने के काम चल रहा है। गांव का मकान जमींदोज करने के बाद सरकार की निगाह लखनऊ के मकान पर है। लखनऊ विकास प्राधिकरण(एलडीए) ने मकान के नक्शे पर आपत्ति जताने के बाद नोटिस भेजा था। उसी नोटिस पर जवाब देने विकास दुबे की पत्नी कानपुर जिला पंचायत सदस्य ऋचा दुबे अपने बड़े बेटे के साथ एलडीए ऑफिस पहुंची थी।
विकास दुबे की पत्नी ऋचा और बड़ा बेटा शुक्रवार सुबह लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) कार्यालय, गोमतीनगर पहुंचे थे। विकास दुबे के लखनऊ में कृष्णा नगर की इंद्रलोक कॉलोनी के मकान जे-424 में नक्शे से ज्यादा निर्माण को लेकर नोटिस मिलने के बाद ऋचा दुबे ने एलडीए के एक्सईएन कमलजीत से मुलाकात की थी। एलडीए के अधिशासी अभियंता कमलजीत सिंह ने बताया कि ऋचा दुबे आईं थीं।
उनको शमन मानचित्र जमा करने के लिए कह दिया गया। उन्होंने कुछ दिन की मोहलत मांगी है। एलडीए इस दौरान इंद्रलोक कॉलोनी में ऋचा दुबे के अलावा पड़ोस के तीन और मकान को नोटिस दिया गया था। सभी को शमन करवाना होगा। इनका नक्शा एक ही है।
कानपुर के चौबेपुर में दो व तीन जुलाई की रात दबिश में गई पुलिस टीम पर हमला कर सीओ सहित आठ जांबाजों का हत्यारा विकास दुबे दस जुलाई को कानपुर में एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया।