लखनऊ। सूत्रों के मुताबिक खबर है कि कानपुर पुलिस हत्याकांड के मामले की जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) और उसके गुर्गों ने पुलिस के हत्थे चढ़ने से पहले ही अपने-अपने मोबाइल का सारा डाटा डिलीट कर दिया था. अब यूपी पुलिस विशेषज्ञों की मदद से इनके डाटा को फिर से हासिल करके सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि कानपुर के बिकरू गांव में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपियों में से कई लोगों के मोबाइल अभी तक रिकवर नहीं हो पाए हैं. सूत्रों के अनुसार इन लोगों ने अपना मोबाइल तोड़ दिया या कहीं छुपा दिया है.
बता दें कि जो मोबाइल मिले हैं उसमें घटना वाले दिन की तमाम वायस रिकॉर्डिंग मिलने की बात सामने आ रही है. इन्हें केस का हिस्सा बनाकर विवेचना में शामिल किया जाएगा.
विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले जांच में पुलिस को कई मोबाइल अलग-अलग आरोपियों से प्राप्त हुए. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर फोन में कॉल डिटेल लिस्ट, कॉन्टैक्ट लिस्ट, फोटो आदि नहीं मिले. इस पर तकनीकी तौर पर मजबूत अफसरों की एक टीम बनाई गई जो एथिकल हैकरों के संपर्क में हैं. इसके अलावा आगरा और लखनऊ में भी पुलिस फोर्स के लिए काम करने वाले विशेषज्ञों की मदद ली गई है.