लखनऊ। विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी की संपत्तियों की जांच आयकर विभाग का बेनामी विंग करेगा। जय की नौ संपत्तियों को जांच के दायरे में लिया गया है। इनमें से छह ब्रह्मनगर, दो आर्यनगर और एक पनकी में है।
विकास दुबे की काली कमाई को कहां खपाया गया है? इस सवाल का जवाब आज भी जांच एजेंसियों के पास नहीं है। ब्रह्मनगर निवासी जय बाजपेयी को विकास का फंड मैनेजर मानते हुए एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है। इसी प्रकरण में ईडी की जांच अलग से शुरू हो चुकी है। वहीं बेनामी विंग ने भी जय की फाइल खोल दी है। यह जांच शिकायतों और गुमनाम प्रपत्रों के आधार पर प्राथमिक रूप से की जाएगी। इसमें विकास और उसके परिजनों के नाम ली गई संपत्तियों की जांच होगी। नोटबंदी के बाद से अब तक विकास और उसके घरवालों के खातों से कितना लेनदेन हुआ, इसका ब्योरा जुटाया जाएगा। खर्च और कमाई के अनुपात का मिलान जय के इनकम टैक्स रिटर्न से किया जाएगा।
सरकारी योजना में विकास दुबे के हस्तक्षेप की होगी जांच
सरकारी योजना में विकास दुबे के हस्तक्षेप की जांच शुरू हो गई है। आवास, शौचालय से लेकर अन्य योजनाओं की जांच का आदेश मुख्य विकास अधिकारी ने दिया है। पांच दिन में रिपोर्ट दी जाएगी।
विकास दुबे व उसके साथियों का शिवराजपुर, चौबेपुर व बिल्हौर ब्लॉक में काफी हस्तक्षेप था। इसलिए संबंधित गांवों में सभी योजनाओं की जानकारी ली जाएगी। वहां के ग्रामीणों से बात की जाएगी। योजना के दिए गए लाभों की जांच कराकर पात्र व अपात्रों को देखा जाएगा। सीडीओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इस जांच से पता चलेगा कि योजना का लाभ सही हाथों में गया है या नहीं। अगर किसी पात्र को योजना का लाभ नहीं मिला होगा तो उसे दिलवाया जाएगा। अपात्र का निरस्त किया जाएगा। इसके लिए बीडीओ को जांच करके पूरी रिपोर्ट पांच दिन में देने को कहा गया है।